रिपोर्टर संजय पुरी शहर से सटे गांव भरोली कलां में रेलवे द्वारा बनाए जाने वाले आरयूबी (रोड़ अंडर ब्रिज) बनाने को रेलवे ने मंजूरी दी है। जिसके तहत बनने वाले अंडर ब्रिज के चयनित स्थल का हलका के पूर्व विधायक एवं पूर्व डिप्टी स्पीकर दिनेश सिंह बब्बू ने दौरा किया। इस दौरान वार्डवासियों ने बताया कि रेलवे पारित स्थान की बजाय अन्य स्थान पर आरयूबी बनाना चाहता है जो काफी दूर है। लिहाजा, जिस स्थान पर वह मांग कर रहे थे वहीं बनाया जाए क्योंकि, रेलवे ने उन्हें लिखित रुप से भेजा था उसमें पुरानी जगह पर ही आरयूबी पारित था। वार्डवासी रिटायर्ड सिक्योरिटी कमिश्नर दर्शन कुमार, वार्ड पार्षद स्वर्ण सिंह बांटा, पूर्व सरपंच डाक्टर प्रबोध चंद्र, रिटायर्ड एई इंजीनियर सोम राज, सत्य प्रकाश , कुलदीप सिंह व इंजीनियर सुनील प्रकाश ने पूर्व डिप्टी स्पीकर दिनेश सिंह बब्बू को बताया कि भरोली जंक्शन देश के विभिन्न राज्यों से कटड़ा तथा अमृतसर से जोड़ता है। भरोली जंक्शन से एक लाइन कटड़ा और दूसरी लाइन अमृतसर को जाती है। लिहाजा, जालंधर के बाद भरोली जंक्शन स्टेशन सबसे व्यस्त स्टेशन हैं। भरोली जंक्शन प्लेटफार्म के पास सी-79 रेलवे फाटक पड़ता है जो भरोली कलां और भरोली खुर्द की 10 हजार आबादी को आपस में जोड़ता है। लेकिन, दिन में 80 से ज्यादा ट्रेनों का आवागमन होने की वजह से फाटक अधिकतर समय तक बंद रहता है। जिस कारण दोनों गांवों के लोगों को आपसी कनेक्टिविटी के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अक्सर ऐसा होता है कि जब किसी लड़के की शादी होती है तो उसे दूसरी साइड पर मंदिर में माथा टेकने के लिए घंटों फाटक बंद का सामना करना पड़ता है। जिसके चलते वह पिछले 10 वर्षाें से फाटक के नीचे से आरयूबी बनाने की मांग कर रहे हैं। रिटायर्ड सिक्योरिटी कमिश्नर दर्शन कुमार ने बताया कि आरयूबी को लेकर फिरोजपुर रेल मंडल के साथ काफी बार पत्रकारवार्ता हुई। जिसमें रेलवे ने आखिरकार उनकी मांग को मान लिया। पत्र में बताया था कि फाटक संख्या सी-79 के नीचे ही उनका आरयूबी बनेगा। परंतु अब रेलवे अधिकारी आधा किलोमीटर दूर जाकर आरयूबी बनाने की बात कर रहे हैं। कहा कि उक्त एरिया आर्मी से सटा है और रात के वक्त वहां से आना-जाना मुश्किल हो जाएगा। उक्त सारा रास्ता सुनसान है और रात के वक्त वहां पर नशेड़ियों का अड्डा भी बनता है। लिहाजा, रात के वक्त परिवार को साथ लेकर आना मुश्किल हो जाएगा। दूसरा अगर वहां पर आरयूबी बन भी गया तो उक्त बनने वाले रोड़ की रिपेयर कौन करेगा। क्योंकि, वह रास्ता तो रेलवे की जमीन पर बनेगा। जिसे न तो पीडब्ल्यूडी और न ही मंडी बोर्ड बना सकता है। कारण , रेलवे की जमीन पर पंजाब सरकार कैसे रास्ता बना सकती है। इसलिए,उनकी मांग है कि सी-79 फाटक के नीचे ही आरयूबी बनाया जाए। वार्डवासियों की बात को सुनने के बाद पूर्व डिप्टी स्पीकर ने आश्वासन दिया कि वह इस मामले को लेकर रेल मंत्रालय और रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू से बात करेंगे कि जिस स्थान पर पहले चयनित हुआ था वहीं पर आरयूबी बनाकर गांववासियों की मांग को पूरा किया जाए।