संजय पुरी , -पठानकोट , प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है।इसके लिए सरकार की ओर से कई बार रोक लगाने का प्रयास भी किया गया है। दूध ,छाछ ,दही के पैकेट वह प्लास्टिक से थालियां से प्रकृति को नुकसान पहुंच रहा है ।इससे कैंसर जैसे रोग भी प्रभावशाली हो रहे हैं ,लेकिन कई उद्योगों व लोगों ने इन थालिया को रिसाइकल कर इस्तेमाल करने का तरीका ढूंढ निकाला है ।टोंक जिले के आवा गांव के विद्याश हथकरघा में पॉलिथीन को रिसाइकल करके लेडिस बैग, पर्स व पाउच बनाए जा रहे हैं। इस काम के लिए फैक्ट्री में 20 महिला पुरुष कार्यरत है। इसके अलग हैंडलूम और अन्य कामों के लिए फैक्ट्री में 80 लोग काम करते हैं ।इस उद्देश्य को लेकर आचार्य विद्यासागर हथकरघा प्रशिक्षण एवं उत्पादक सहकारी समिति आता की ओर से यह पहल की गई है ।समिति के अध्यक्ष आशीष जैन ने बताया कि जूठ व प्लास्टिक की थैलियां से बनी प पटियो से बैग बनाए जा रहे हैं ।इससे ग्रामीण महिलाओं को रोजगार का एक साधन भी मिला है । यह प्लास्टिक थैलियां होटल दुकान व ग्रामीण लोगों से एकत्रित की जाती है ।जिसके बाद इन्हें धोकर सुखाया जाता है। फिर इन्हें पत्तियों में काटकर मशीन पर जूटऔर कॉटन के साथ ताने-बाने के संयोजन में चला कर बैग बनाया जाता है। इस काम के लिए बीते दिनों कई बुनकरों को जिला स्तरीय बुनकर अवार्ड से सम्मानित किया गया ।इनमें रामेश्वर ,दुर्गा शंकर, रामकुमार ,पूजा सैनी व संतरा सैनी मुख्य है ।।देश भर में हैंडीक्राफ्ट एनएचडीसी की ओर से लगने वाली प्रदर्शनियों के माध्यम से यह प्रोडक्ट लोगों तक पहुंचाये जाते हैं। फिलहाल इस फैक्ट्री में 27 मशीनें व 30 चरखे इस्तेमाल में लिए जा रहे हैं।