हिसार, राजेंद्र अग्रवाल: हरियाणा सरकार द्वारा खिलाडिय़ों के लिए तीन प्रतिशत कोटा समाप्त किए जाने के विरोध में प्रदेशव्यापी अभियान चला रहे नवीन जयहिंद ने कहा है कि सरकार प्यार की नहीं सोटे की भाषा समझती है। कार्यकर्ताओं तथा खिलाडिय़ों के दबाव में सरकार को फैसला वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि भगवान खट्टर साहब को सद्बुद्धि दे, वे मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर साहब को 5 किलो घी व 5 बादाम देंगे ताकी वे आगे से ऐसे निर्णय ना लें।
बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नवीन जयहिंद ने कहा कि खिलाडिय़ों के सम्मान पर अगर कोई आंच आई तो वह सरकार के लिए दंगल करने को तैयार हैं। प्रेस क्लब में मूसल(सोटा) लेकर पहुंचे नवीन जयहिंद पिछले दो सप्ताह से हरियाणा के सभी जिलों में जाकर प्रदेश सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।
जयहिंद के इस अभियान में कई खिलाड़ी भी उनका समर्थन कर चुके हैं। आज यहां पत्रकारों से बातचीत में जयहिंद ने कहा कि सरकार ने बिना सोचे समझे खिलाडिय़ों का कोटा समाप्त कर दिया। उन्होंने हरियाणा सरकार की खेल नीति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जिन अधिकारियों का खेलों से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है वही खिलाडिय़ों के लिए पॉलिसी तैयार कर रहे हैं। उन्होंने खेल नीति बनाने का जिम्मा खिलाडिय़ों को देन की मांग करते हुए कहा कि वह संदीप सिंह का खिलाड़ी के नाते सम्मान करते हैं लेकिन बतौर खेल मंत्री वह फेल हुए हैं।
संदीप सिंह जब मंत्री बने तो खिलाडिय़ों को उनसे ढेरों उम्मीदें थी लेकिन संदीप सिंह के कार्यकाल में खिलाडिय़ों के हकों पर डाका डालने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि वह तथा उनके समर्थक खिलाडिय़ों के हितों की रक्षा के लिए सरकार के साथ दंगल करने के लिए तैयार रहेंगे।
जयहिन्द ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को
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भाजपा नेताओ व अधिकारियों के स्कूल इसलिए खत्म हुई 134-ए
नवीन जयहिंद ने हरियाणा सरकार द्वारा 134-ए समाप्त किए जाने पर संघर्ष का ऐलान करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने 25 प्रतिशत गरीब विद्यार्थियों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का फैसला दिया था। जिसे कांग्रेस सरकार ने कम करके दस प्रतिशत कर दिया। अब भाजपा ने इसे पूरी तरह से खत्म कर दिया है। जयहिंद ने कहा कि सच्चाई यह है कि हरियाणा भाजपा विधायकों तथा अधिकारियों के प्राइवेट स्कूल तथा कई बड़े स्कूलों में हिस्सेदारी है। जिसके चलते सरकार ने हजारों गरीब बच्चों की अनदेखी करते हुए यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द अपने समर्थकों के साथ बैठक करके 134-ए समाप्त किए जाने के विरोध में प्रदेशव्यापी संघर्ष करेंगे।