हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशालय की ओर से फार्मर फस्र्ट परियोजना के तहत गांव चिड़ौद में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में किसानों को गेहूं में खरपतवार नियंत्रण व बीमारियों की रोकथाम की जानकारी दी गई। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज एवं विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह के मार्गदर्शन में यह परियोजना चलाई जा रही है। इस दौरान किसानों को खरपतवार की पहचान व उनकी रोकथाम के उपायों के बारे में बताया गया। विश्वविद्यालय की ओर से डॉ. आर.एस. श्योराण ने बताया कि चौड़ी पत्ती वाले और संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए अलग-अलग खरपतवार नाशी उपलब्ध हैं व मिश्रित खरपतवारों के लिए वेस्टा या टोटल नामक खरपतवारनाशी दवाईयों का प्रयोग करें। इसके लिए फलैट फैन नोजल का प्रयोग करें व वेस्टा 160 ग्राम जबकि टोटल दवाई 16 प्रति एकड़ व 150-200 लीटर पानी प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें। वैज्ञानिकों ने बताया कि गेहूं में पीला, भूरा व काला रतुआ से बचाव के लिए किसान मैन्कोजेब(एम.45) नामक दवाई का 800 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से 200 लीटर पानी मिलाकर छिडक़ाव करें। आवश्यकता पडऩे पर 10 से 15 दिन के अंतराल पर दूसरा छिडक़ाव करें। इस दौरान किसानों को कीड़े-मकोड़ों से बचाव के लिए दवाईयां भी वितरित की गई। इस कार्यक्रम में लगभग 60 किसानों ने हिस्सा लिया व डॉ. अनिल मलिक व राकेश कुमार ने आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर गांव से रमेश कुमार, सतबीर, भगतसिंह, संजय, अजीत, मांगेराम व करतार सहित अनके ग्रामीण मौजूद रहे।