हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दलबीर किरमारा ने राज्य सरकार से मांग की है कि विभाग का अघोषित निजीकरण रोका जाए और परिवहन बेड़े में 14 हजार नई बसें शामिल की जाए। मौजूदा बेड़ा ग्रामीण जनता व छात्र-छात्राओं को पूरी तरह से परिवहन सुविधा देने में सक्षम नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारी संगठनों से किसान मोर्चा की तर्ज पर संयुक्त मोर्चा बनाकर निजीकरण के खिलाफ तथा जनसुविधाओं के लिए संघर्ष करने की वकालत की है।
दलबीर किरमारा आज डिपो प्रांगण में रोडवेज कर्मचारियों की गेट मीटिंग को संबोधित कर रहे थे। डिपो प्रधान रामसिंह बिश्नोई की अध्यक्षता में हुई गेट मीटिंग में पिछले दिनों महाप्रबंधक से हुई बातचीत में सहमत हुई मांगों का ब्यौरा कर्मचारियों को दिया गया। दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार एवं तरफ तो छात्र-छात्राओं, दिव्यांगों, गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए निशुल्क यात्रा की घोषणा करती है लेकिन बसों की कमी के चलते इन वर्गों को निजी बसों में न केवल धक्के खाने पड़ते हैं, बल्कि प्रताडऩा भी झेलनी पड़ती है। उन्होंने विभागों को बचाने, निजीकरण के खिलाफ तथा अन्य मांगों पर 23 व 24 फरवरी को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया और कहा कि कर्मचारी संगठनों को एक या दो दिन की हड़ताल की बजाय किसान संगठनों की तर्ज पर एक संयुक्त मोर्चा बनाकर लडऩे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि कोई संगठन या नेता इस संयुक्त मोर्चा में शामिल नहीं होता या ऊल-जुलूल शर्तें लगाता है, वह कर्मचारियों व विभाग का हितैषी नहीं हो सकता। उन्होंने कर्मचारियों से अपील की कि वे अपने हितों को पहचाने, अपने व पराये की पहचान करें क्योंकि भ्रष्टाचार में लिप्त सजायाफ्ता व अब तक कर्मचारियों के देय लाभों में रोड़ा बने लोग उनका भला नहीं कर सकते।
दलबीर किरमारा ने राज्य सरकार एवं विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की कि जिस कर्मचारी का जो हक बनता है, वह उसे दिया जाए और उसके हक में रोड़ा अटकाने वाले अधिकारियों पर तुरंत व प्रभावी कार्यवाही अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि छात्राओं के लिए स्पेशल बसों के नाम पर राज्यभर के डिपुओं में 150 मिनी बसें खरीदी गई थी लेकिन ये मिनी बसें विभाग के लिए सफेद हाथी बनी हुई है। अधिकारियों को चाहिए कि वे इन बसों का सदुपयोग सुनिश्चित करवाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ ने अपने गठन के बाद ईमानदारी से कर्मचारियों के लिए संघर्ष किया है और यह संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।
गेट मीटिंग का संचालन वरिष्ठ नेता सुभाष ढिल्लो ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रदेश कोषाध्यक्ष सुभाष बिश्नोई, कुलदीप पाबड़ा, जयभगवान बड़ाला, कमल निंबल, सुरेश मलिक, जोगेन्द्र पंघाल, राजेश मुकलान, मनीष राजली, राकेश मीरकां, सुखदर्शन कुंडू, अनिल सुलखनी, सतकुमार पाबड़ा, कृष्ण सैनी, इन्द्रपाल डोभी, प्रवीण, जयबीर किरमारा, सतपाल चुली, मंगतूराम, दर्शन जांगड़ा, हांसी से सोनू मोर, पवन, रीतू, रामअवतार, अमरलाल, करण सिंह, भीमसिंह, गजेसिंह, मंगतराम व अनिल सहित सैंकड़ों कर्मचारी मौजूद थे।