रिपोर्टर संजय पुरी हिमाचल प्रदेश में चिट्टे की ओवरडोज से प्रदेश में अभी तक 12 युवा जान गंवा चुके हैं। कई ऐसे मामले हैं, जिसमें नशे की ओवरडोज से मौत के बाद परिजन बदनामी के डर से शिकायत दर्ज नहीं करवाते हैं। चिट्टे की ओवरडोज से प्रदेश में अभी तक 12 युवा जान गंवा चुके हैं। हाल ही में खलीनी में एक युवक लोगों को अचेत अवस्था में मिला था। पुलिस ने युवक को अस्पताल पहुंचाया तो चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। छानबीन में घटनास्थल से सीरिंज भी बरामद की थी। इस युवक ने दोस्तों के साथ नशा किया था। चिकित्सकों के मुताबिक इंजेक्शन के जरिये चिट्टे का नशा लेने से मौत का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इंजेक्शन से नशा लेने पर नशा रक्त के जरिये सीधे दिमाग तक पहुंच जाता है और ओवरडोज होने पर मौत हो जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक हमारे दिमाग के भीतर श्वास केंद्र यानि ओपिओइड रिसेप्टर्स होता है, जो तय करता है कि हमें कितना श्वास लेना है। कोई भी व्यक्ति चिट्टा समेत किसी भी नशे की अधिक मात्रा में डोज लेता है, तो इससे हमारे ओपिओइड रिसेप्टर्स प्रभावित होता है। इससे दिमाग फेफड़ों को श्वास लेने के लिए जरूरी तरंगें नहीं भेज पाता है, जिससे हमारा श्वास तंत्र प्रभावित होता है। इससे व्यक्ति हाइपोक्सिया का शिकार हो जाता है। ऐसा होने पर व्यक्ति जरूरत के मुताबिक सांस नहीं ले पाता है और वह बेहोशी हालत में पहुंच जाता है। चिकित्सकों के मुताबिक ऐसा होने पर मरीज को फौरन अस्पताल पहुंचाना जरूरी होता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक डेढ़ साल में 12 लोगों की नशे की ओवरडोज से जान गई है लेकिन आंकड़ा इससे कहीं अधिक है। कई ऐसे मामले हैं, जिसमें नशे की ओवरडोज से मौत के बाद परिजन बदनामी के डर से शिकायत दर्ज नहीं करवाते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि चिट्टे के नशा का खात्मा लोगों की भागेदारी से ही किया जा सकता है क्या है नशे की ओवरडोज विशेषज्ञों के मुताबिक जब कोई व्यक्ति पहली बार नशा ले और वह चिट्टे जैसा नशा अधिक मात्रा में ले ले तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। कई बार व्यक्ति लगातार नशा लेता है। इससे उसका शरीर इसका आदी हो जाता है। कई बार व्यक्ति नशामुक्ति केंद्र में जाने और किसी अन्य कारणों से कुछ समय के लिए नशा छोड़ देता है। ऐसे में उसके शरीर को इसकी आदत नहीं रहती है। लेकिन जब वह दोबारा उतनी ही मात्रा में नशा लेता है तो मौत का खतरा बढ़ जाता है। चिकित्सकों के मुताबिक मरीज को नियमित रूप से डॉक्टरी जांच की जरूरत होती है। कई बार दूसरा व्यक्ति सिरिंज भरकर देता है, ऐसे में भी नशे की ओवरडोज होने का खतरा रहता है। चिट्टे के साथ शराब, भांग समेत अन्य नशों का सेवन करने से भी व्यक्ति की जान जा सकती है। चिट्टे में बेहोशी और नींद की दवाइयों की अधिक मिलावट भी जानलेवा है।