रिपोर्टर संजय पुरी संजीव कुमार गांधी, एसपी, शिमलाकिस्त-8 वर्ष 2016 में महज 634.654 ग्राम चिट्टा पकड़ा, वर्ष 2023 में 14.705 किलोग्राम चिट्टे की हुई बरामदगी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चिट्टा तस्कर पुलिस की पहुंच से बाहर प्रदेश में दूसरी राज्यों से बड़ी मात्रा में चिट्टे की तस्करी हो रही है। पिछले कुछ सालों में ही नशे की तस्करी कई गुना बढ़ गई है। यही वजह है कि जिला शिमला समेत प्रदेश में बड़ी संख्या में युवा नशे की चपेट में आ गए हैं। हालांकि पुलिस विभाग इसको लेकर कार्रवाई करते हुए लगातार नशा तस्करों को गिरफ्तार कर रहा है और इसको लेकर प्रदेश स्तर और जिला स्तर पर भी अभियान चलाया गया है, लेकिन दूसरे राज्यों में बैठे नशा तस्करी के मास्टर माइंड अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इस वजह से प्रदेश में नशा तस्करी का यह नेटवर्क टूटने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस विभाग के आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2016 में प्रदेशभर में विभिन्न मामलों में महज 634.654 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया था। वहीं सात सालों के भीतर ही इस नशे की तस्करी इतना बढ़ गई कि वर्ष 2023 में पुलिस ने 14.705 किलोग्राम चिट्टा/हेराेईन की बरामद की। नशे की जब्ती में वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2023 में 20 गुना से अधिक दर्ज की गई। इस नशे की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों में आंकी गई है। पुलिस के दर्ज मामलों से पता चलता है कि प्रदेश में सबसे अधिक नशे की तस्करी पंजाब से हो रही है। इसके अलावा हरियाणा, दिल्ली और कई मामलों में पुलिस ने उत्तर प्रदेश के तस्करों को भी गिरफ्तार किया है। नशे के साथ गिरफ्तार आरोपियों से मिली सूचना के आधार पर पुलिस चिट्टा तस्करी के मुख्य सरगनाओं को पकड़ने के लिए दूसरे राज्यों में भी दबिश देती है, लेकिन उनके खिलाफ बड़ी कामयाबी नहीं मिल पाई है। यह वजह है कि चिट्टा तस्करी का यह नेटवर्क सालों से फलफूल रहा है। यह नशा इतना खतरनाक है कि आए दिन नशे की ओवरडोज से युवाओं की जान जा रही है। इस साल पुलिस ने साढ़े छह किलो चिट्टा पकड़ा, नशा पकड़ने में शिमला अव्वल वर्ष 2024 की बात करें तो 31 अगस्त तक प्रदेशभर में पुलिस विभिन्न एनडीपीएस मामलों में 6.39 किलोग्राम चिट्टा बरामद किया है। इसमें खासकर शिमला जिले में ही 3 किलोग्राम से अधिक चिट्टा बरामद किया गया है। नशा तस्करी में शिमला जिला सबसे आगे रहा है। जिला पुलिस इस साल दर्ज किए गए 226 मामलों में 515 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें 19 महिलाएं भी शामिल हैं। शिमला समेत प्रदेशभर में पुलिस नशा तस्करों पर कार्रवाई करते हुए हजारों लोगों को सलाखों के पीछे डाल चुकी है। इसके अलावा के कई अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ भी कर चुकी है। इसके बावजूद चिट्टे की बढ़ती तस्करी को पूरी तरह से रोकने में कामयाबी नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह है कि पड़ोसी राज्यों से से नशे की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नशा तस्करों की संलिप्तता भी है।कोट्स नशा तस्करों के खिलाफ शिमला पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले दो सालों में शिमला जिला चिट्टा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने में अव्वल रहा है। इससे नशा तस्करी में भी कमी दर्ज की गई है। पुलिस आम लोगों की मदद से नशे के नेटवर्क को खत्म करने का अभियान चला रही है। इसको लेकर लगातार नशा तस्करों को पकड़कर सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है।