रिपोर्टर संजय पुरी समाज में परिवारों की अहमियत और माता-पिता के प्रति सम्मान की भावना को मजबूत करने के उद्देश्य से गौरी शंकर सेवा समिति द्वारा शुरू की गई सांब लो मापे रब्ब लबजू आपे लहर ने दो वर्षों में एक अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। यह पहला जो 20 नवंबर 2022 को संस्था के फाउंडर संजीव मल्हन के नेतृत्व में जिला पठानकोट से शुरू हुई न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी गूंज रही है। इस अभियान का मूल उद्देश्य परिवारों में वृद्ध माता-पिता के प्रति सम्मान और देखभाल की भावना को पुनर्जीवित करना है। सांब लो मापे रब्ब लबजू आपे का आशय है कि जो कुछ भी हमें मिला है वह हमारे माता-पिता की दुआ और भगवान की कृपा से है। इस विचारधारा को फैलाने के लिए गौरी शंकर सेवा समिति ने विभिन्न कार्यक्रमों सेमिनारों और कार्यशालाओं का आयोजन किया। इस अभियान ने समाज में कई महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं, जिनका प्रभाव बच्चों युवाओं और वृद्धो पर विशेष रूप से पड़ा है। माता-पिता का प्रेम और संघर्ष किसी भी रूप में उधार लेने योग्य नहीं हो सकता। उनका दिन हमें हर कदम पर मिलता है। संजीव मल्हन ने इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की कि बच्चों को अपने माता-पिता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और उन्हें वृद्धाश्रमों में छोड़ने की बजाय अपने घरों में सम्मान और देखभाल के साथ रखना चाहिए।