रिपोर्टर संजय पुरी भारतीय सेना ने उत्तरी कमान में 550 स्वदेशी रूप से विकसित अस्मि पिस्तौलें शामिल की हैं यह 100 प्रतिशत भारत में निर्मित हथियारों का पहला बैच है जिसका नजदीकी लड़ाई और विशेष अभियानों के लिए विशेष बलों को लैस करना है। रक्षा प्रवक्ता ने एक्स पर लिखा देश की आत्मनिर्भरता की महत्वपूर्ण पहल को बढ़ावा देते हुए, भारतीय सेना ने उत्तरी कमान में 550 अस्मि मशीन पिस्तौल शामिल की हैं। सेना ने हथियार और इसके डेवलपर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं। इसमें बताया गया है कि इस हथियार को भारतीय सेना के कर्नल प्रसाद बंसोड़ ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से विकसित किया गया है। हथियार का निर्माण हैदराबाद में लोकेश मशीन्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (एडीजीपीआई) ने एक्स पर कहा, अस्मी मशीन पिस्तौल एक मजबूत, कॉम्पैक्ट और विश्वसनीय हथियार है, जिसे नजदीकी लड़ाई और विशेष अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है। एक हाथ से भी कर सकते हैं फायरिंग सेना ने आगे बताया कि पिस्तौल का अनूठा सेमी-बुलपप डिजाइन एक हाथ से हथियार चलाने की सुविधा प्रदान करता है। इसे पिस्तौल और सबमशीन गन दोनों के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।