पवन कुमार झा आजाद की ख़ास रिपोर्ट स्लग बिहार में आज शारदीय नवरात्रा में माता सहित सभी देवी देवताओं की आराधना चरमोत्कर्ष पर पहुंचा। बिहार से वरीय जर्नलिस्ट। झारखंड में शारदीय नवरात्रा का आज आठवां दिन है। देशभर में हालांकि नवरात्रा को लेकर भक्तिमय व पूजा अर्चना की लगातार धूम मची हुई है। हिंदुस्तान में चप्पे-चप्पे पर देवी मंदिरो सहित तमाम देवालयों में शारदीय नवरात्र की वजह से विशेष आराधना की जा रही है।खासकर मिथिला में भी प्राचीन कालखंड से शक्ति की साधना के लिए जगजाहिर, ख्याति है तपोभूमि,पावन साधना का ये प्रमुख केंद्र है। यहां तक कि वैदेही, साक्षात् जगन्माता सीता जी को भी मिथिला की बेटी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह गौरव का विषय हमेशा रहेगा। जनकपुर में सीता अवतरित हुई।राजा जनक की पुत्री सीता बनकर मिथिला को देश दुनिया में का नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज करा दिया था। जनकपुर तत्कालीन हिंदुस्तान में अवस्थित था। मगर अंग्रेजी हुकूमत ने एक हुई सुगौली संधि में जनकपुर समेत कुछ भारतीय हिस्सा नेपाल को सौंप दिया। इधर आज बिहार में नवरात्रा में हर ओर आराधना की धूम है। आज शुक्रवार, 11 अक्टूबर/2024को महासप्तमी और नवमी है। बिहार में शारदीय नवरात्रा बेहद खास तरीके से सैकड़ों वर्षों से परंपरा के अनुसार पूजा अर्चना की जा रही है। कोलकाता के बाद बिहार में सर्वाधिक धूमधाम बल्कि दुर्गा महा पूजनोत्सव मनाया जाता है। जिसमें लाखों में हर गांव, नगरों में सार्वजनिक, सामूहिक रूप से तैयारी कर खर्च, व्यय किए जाते हैं। बड़े पैमाने पर यह आयोजन किया जाता है। कलशस्थापना से महानवमी तक वैदिक मंत्रोच्चार से संपूर्ण वातावरण भक्तिमय बना रहता है। लाखों श्रद्धालु राज्य या विदेशों से अपने घर, गांव या नगर इस अवसर पर अपने परिवारों, और समाज के संग लोक त्योहार मनाने के लिए अवश्य आते हैं। और तो और बिहार में संध्याकालीन आरती विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सामूहिक आरती में गांव, नगर के हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इसके बाद लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है।