जनहितों को नजरअंदाज करके नेताओं का दल-बदल करना चिंताजनक : दलबीर किरमारा

हिसार, राजेंद्र अग्रवाल  : हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने आगामी चुनावों को देखते हुए विभिन्न पार्टियों के नेताओं द्वारा किए जा रहे दलबदल पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसे नेता जनहितों को नजरअंदाज करके केवल अपने या बेटों को स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।
दलबीर किरमारा ने कहा कि आगामी समय में होने वाले चुनावों को देखते हुए आजकल विभिन्न पार्टियों के नेताओं द्वारा दल-बदल किया जाना शुरू हो गया है। किसी समय कांग्रेस व भाजपा को पानी पी-पीकर कोसने वाले नेता आज उन्हीं पार्टियों में अपना या अपने बेटों को भविष्य तलाश रहे हैं। ये वही नेता है, जो अपनी दाल न गलती देखकर जनता, खासकर किसानों, कर्मचारियों व अन्य आंदोलनरत वर्गों के लिए आंसू बहाते थे लेकिन आज इनके दलबदल को देखते हुए लग रहा है कि इनके ये आंसू घडिय़ाली थे। ऐसे नेता केवल एक ही जवाब दें कि जिनके लिए भाजपा बुरी थी, आज वो अच्छी कैसे हो गई और जिनकी लिए कांग्रेस बुरी थी, वो कांग्रेस आज अच्छी कैसे हो गई। यह तो वहीं बात हुई कि खुद की दाल नहीं गली तो अपनी पार्टी को छोड़ दिया और यदि दाल गल गई तो पार्टी को बहुत अच्छा बता दिया।
दलबीर किरमारा ने दल-बदल करने वाले नेताओं से सवाल किया कि क्या उनके दल-बदल से किसानों की समस्याएं दूर हो गई, क्या कर्मचारियों की समस्याएं दूर हुई, बेरोजगारों को रोजगार मिल गया, जरूरतमंद जनता को मूलभूत सुविधाएं हासिल हुई या फिर महंगाई में कमी आई। दलबदल करने वाला कोई भी नेता बता दें कि उनके दलबदल में जनहित छिपा है, तो जनता मान भी लेगी लेकिन उनके दलबदल में केवल और केवल स्वार्थ दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि जनता को न केवल ऐसे नेताओं से सावधान रहने की जरूरत है बल्कि उनसे यह सवाल किया जाना भी जरूरी है कि आखिर वे अपने स्वार्थ के लिए कब तक जनता के हितों को नजरअंदाज करते रहेंगे। आगामी चुनाव में जब भी किसी दल का नेता जनता में आए तो उससे पूछा जाना चाहिए कि सत्ता दल वाले ने जनता के लिए क्या किया और विपक्ष वाले ने जनता के हित में कितना संघर्ष किया क्योंकि जनता की आवाज उठाना व समस्याएं दूर करवाना हर दल की जिम्मेवारी है।


Posted On : 06 Aug, 2022