हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : मानव ने चाहे कितनी ही तरक्की क्यों न कर ली हो, वह आज तक रक्तदान का विकल्प नहीं ढूंढ पाया है। एक मानव ही दूसरे मानव को जरूरत पडऩे पर रक्तदान देकर उसकी जान बचा सकता है। इसलिए रक्तदान से बड़ा दान नहीं हो सकता।
यह बात भारतीय रैडक्रास सोसायटी हरियाणा राज्य शाखा के कार्यकारिणी कमेटी सदस्य डॉ सुनील दत्त भारद्वाज ने जिला रैडक्रास सोसायटी भवन में आयोजित रक्तदान शिविर का शुभारंभ करने उपरांत उपस्थित रक्तदाताओं को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 60 साल है, वह हर तीन महीने बाद रक्तदान कर सकता है। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वह अपने जीवन में कम से कम एक बार रक्तदान अवश्य करें। यह रक्तदान किसी भी जरूरतमंद को नई जिन्दगी दे सकता है।
कार्यकारिणी कमेटी सदस्य ने रैडक्रास की विभिन्न गतिविधियों जैसे दृष्टिबाधितार्थ संस्थान, फिजियोथैरेपी सैन्टर, दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र इत्यादि का अवलोकन भी किया। उन्होंने बताया कि रैडक्रास एक अग्रणीय सामाजिक संस्था है, जो विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों के अलावा आपातकालीन स्थितियों में भी महत्त्वपूर्ण योगदान देती है। समाज को ऐसी संस्थाओं को विभिन्न प्रकार का अनुदान देकर सुदृढ़ बनाना चाहिए। इसके उपरांत डॉ सुनील दत्त भारद्वाज व रैडक्रास पैटर्न ओम कुमार गर्ग द्वारा पौधा रोपण भी किया गया।
इस अवसर पर रैडक्रास संस्था से सचिव रविंद्र कुमार, राहुल शर्मा, पूनम शर्मा, विपिन कुमार, डॉ रूचि, जितेन्द्र कुमार आदि उपस्थित थे।
Posted On : 01 Aug, 2022