बेसहारा छोड़ कर मा बाप को, कुत्ते पालने लगे लोग

हिसार, राजेंद्र अग्रवाल :  बज़्म-ए -अदब की मासिक काव्य गोष्ठी वीरेंद्र कौशल की अध्यक्षता मे टाउन पार्क मे आयोजित की गई । कुशल मंच संचालन जयभगवान लाडवाल ने किया। मुख्य अतिथि के रूप मे पी पी शर्मा थे। इस अवसर पर जयभगवान लाडवाल ने सुनाया ---बेखुदी का इससे बडा सबक क्या होगा, बेसहारा छोड़ कर मा बाप को कुत्ते पालने लगे लोग ।   
    कृष्ण इंदोरा ने सुनाया –क्या मौसम आया बागों मे बहार लाया, धूल गई पत्तियों की धूल कलियों पे निखार लाया ।
कलमकार वीरेंद्र कौशल ने कुछ यू सुनाया –लोग पागल का भरोसा नहीं करते इकरार कर दिया हालात बताते- तेरे भरोसे ने ही पागल कर दिया।
नरेश पिंगल की उपक्षक्षिततही -भावों संघ आंखे तो बोलती हे पर मुख जताता क्यू नहीं , लाख किए जतन फिर भी जलता क्यू नहीं । ऋषि सक्सेना की बानगी देखिए – उनके पास भले हो जंगे सामान, हमारी कलम मे अब भी स्याही बाकी हे ।
राजेन्द्र अग्रवाल ने सुनाया – औकात नहीं हे दुश्मनों से आंख मिलने की और बात करते हे घर से उठाने की।   
पी पी शर्मा ने सुनाया – जीवों की उत्तम श्रेणी मानव जीवन कहलाती हे भक्ति ज्ञान और कर्मयोग का बोध करती हे ।
  भीमसिंह हुडा ने सुनाया –जमाने मे सब कुछ होगा लेकिन नहीं होगा उपकार, दिखे साथी तो बहुत होंगे पर नहीं होंगे यार दिखे । इस अवसर पर रमेश कुमार , तलुजा , राम बाग , सुरेन्द्र चिराग ने भी कव्य पाठ किया।


Posted On : 24 Jul, 2022