कर्नाटका महासभा का समाज विकास मंथन में शिक्षा हेतु मुख्य बिन्दु

बेंगलूरु, जगदीश सीरवी : समाज भवन एच.एस.आर. लेआउट, बैंगलोंर में श्रीमान कानारामजी सीरवी ( चोयल )  IAS, आयुक्त कृषि विभाग, राजस्थान सरकार, जयपुर के मुख्य अतिथिय में,  सीरवी महासभा कर्नाटका के
अध्यक्ष - श्री वीरमरामजी सोलंकी,
उपाध्यक्ष - श्री फाऊलालजी परिहारिया,
सचिव - श्री लक्ष्मणरामजी आगलेचा व पदाधिकारी - कार्यकारिणी, क्षेत्रिय बडेरों के पदाधिकारी, श्री पुनारामजी भायल, श्री नारायणलालजी लचेटा व गोपाराम पंवार सहित गणमान्यों की उपस्थिति में समाज में समाज सुधार व शिक्षा विकास पर विचार विमर्श किया गया।

जिसमें से शिक्षा से सम्बंधित बिन्दु पर
श्री वीरमरामजी सोंलकी,
श्री फाऊलालजी परिहारिया,
श्री लक्ष्मणरामजी आगलेचा,
श्री पुनारामजी भायल ने दिल्ली छात्रावास की आवश्यकता बताई। तथा गोपाराम पंवार ने दिल्ली छात्रावास को लेकर एक साल शिक्षा के नाम अभियान की प्रगति से अवगत करवाया। तथा जयपुर व उदयपुर छात्रावास से सम्बंधित वर्तमान स्थिति से भी सभी को अवगत करवाया।

 सीरवी समाज भवन मय छात्रावास दिल्ली हेतु चलाये जा रहे एक साल शिक्षा के नाम अभियान की ओर से भी श्रीमान कानारामजी का सम्मान किया गया।

 शिक्षा के बिन्दु पर श्रीमान कानारामजी सीरवी ने कहा कि

1. प्रशासन में भागीदारी के लिए एक कानाराम नहीं, अनेकों कानाराम की जरूरत है । इसलिए सम्बंधित प्रतियोगी परीक्षाओं में होनहारों को अधिक से अधिक आगे आना होगा तथा समाज व गणमान्यजनों को उन प्रतिभाओं को प्रेरित भी करना होगा।

2. काफी वर्षों से नये छात्रावास निर्माण पर कोई विशेष कार्य नहीं हो पाया।

3. प्रत्येक गांव/बडेर में शिक्षाकोष होना चाहिए, जिससे समाज की शेक्षणिक गतिविधियों यथा स्कूल व छात्रावास निर्माण में सहयोग किया जा सके।

4. दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए छात्रावास की आवश्यकता है सक्षम परिवार तो भारी खर्चा वहन कर लेता है लेकिन मध्यम वर्गीय परिवार दिल्ली में कोचिंग व रहने - खाने का खर्चा वहन नहीं कर पाते है। इसलिए छात्रावास निर्माण के लिए समाज को सहयोग के लिए आगे आना चाहिए।

5. जयपुर में बालिका छात्रावास की आवश्यकता है, अभी किराए के भवन में चलाने में सहयोग करावें।

6. समाज के डॉक्टर्स, इंजीनियर्स,सीऐ, वकील सहित  अन्य प्रशासनिक व राजकीय सेवा के अधिकारियों व कर्मचारियों व व्यवसायिक क्षेत्रों में अग्रणी को शेक्षणिक गतिविधियों को आगे बढाने के लिए आगे आना चाहिए तथा शिक्षाप्रेमी - शिक्षाविदों सहित भामाशाहों को भी प्रेरित करना चाहिए।


Posted On : 22 Jul, 2022