हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : किसी भी व्यक्ति, समाज व देश के विकास में नशा का सेवन बहुत बड़ा अवरोध है। इस समस्या को जड़ से समाप्त करना बहुत जरूरी है। इसके लिए पुलिस एक्शन के साथ समाज का सहयोग की नितान्त आवश्यकता है। यह बात हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स ब्यूरो के प्रमुख एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री श्रीकांत जाधव ने कही। वह आज यहां चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में नशा मुक्त हरियाणा मिशन के तहत शिक्षण संस्थानों में धाकड़ कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने की।
श्रीकांत जाधव ने कहा कि नशा केवल भारत में ही नहीं अपितु इसने पूरे विश्व को अपनी चपेट में लिया हुआ है। आज पूरी दुनिया में 32 बिलियन यूएस डॉलर का नशा का अवैध कारोबार चल रहा है जबकि भारत में केवल हिरोइन का 20 लाख करोड़ रूपए का कारोबार हो रहा है। उन्होंने कहा ड्रग तस्करी के द्वारा कुछ देशों ने भारत के साथ अप्रत्यक्ष युद्ध छेड़ा हुआ है जिससे वो अवैध तरीके से नशीले पदार्थ भारत में भेजकर हमारी युवा शक्ति को नशीले पदार्थों की लत लगाकर देश को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ-साथ समाज का सहयोग बहुत जरूरी है ताकि समय पर सूचना मिलते ही नशीले पदार्थों का कारोबार करने वालों पर तुरंत कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा हरियाणा में 10 जिले नशीले पदार्थों के व्यसन से अत्याधिक प्रभावित है। हिसार रेंज में अधिक जिले प्रभावित होने के कारण इस धाकड़ कार्यक्रम की शुरूआत के लिए चुना गया है।
श्रीकांत जाधव ने कहा कि प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिए एक्शन प्लान के तहत स्कूल, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में धाकड़ कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। इसके तहत क्लास के पांच बच्चों का एक ग्रुप बनाया जाएगा जो सुस्त, एकाकी रहने वाले व चोरी छिपे नशा करने वाले बच्चों की पहचान करेंगे, उसकी सूचना क्लास टीचर यानि सीनियर धाकड को देंगे। सीनियर धाकड सूचना मिलने के बाद संबंधित प्रिंसिपल, हैड मास्टर को रिर्पोट करेंगे जो नोडल धाकड कहलाएगा। इस कार्यक्रम के सुपरविजन के लिए राज्य, जिला, उपमंडल, कलस्टर और गांव व वार्ड स्तर पर मिशन टीमें बनाई जाएंगी जो नशे से ग्रस्त व्यक्ति की काउंसिलिंग, उपचार व पुनर्वास के लिए काम करेंगी। इसके अतिरिक्त दो मोबाइल एप प्रयास व साथी शुरू की गई हैं। प्रयास एप के लिए ग्राउंड लेवल की टीमें बनाई जाएंगी, जो प्रदेश में कितने लोग नशा करने के आदि हैं, कौन सा नशा करते हैं, नशा मुक्त करने के लिए कहां पर दाखिल करवाना है, पूरा डेटा रहेगा जबकि साथी एप में एलोपैथी व आयुर्वेदिक मेडिसन मैन्यूफेक्चरिंग से लेकर सप्लाई तक का पूरा ब्योरा देना होगा।
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि ड्रग्स का सेवन दुनिया की आबादी के अच्छे खासे हिस्से को नष्ट कर रहा है। वर्तमान समय में नशा रूपी भयावह बीमारी का अधिक प्रभाव देश की युवा पीढ़ी पर देखा जा रहा है। युवाशक्ति राष्ट्र की धरोहर है जिसको सुरक्षित रखना और बचाना हम सबका कर्तव्य और धर्मपरायणता है। मादक पदार्थों की अवैध तस्करी को रोकने और इनके उपयोग की रोकथाम भी इसी कड़ी में एक पहल है। उन्होंने युवाओं से आहवान किया कि यदि उन्हे नशा करने का विचार आए तो एक बार वे अपने माता-पिता के कठिन परिश्रम और उनके सपनो का अवरश्य ध्यान करें।
उन्होंने ड्रग्स के खिलाफ हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए छेड़ी गई निर्णायक जंग की सराहना की। उन्होंने कहा इस अभियान को सफल बनाने के लिए यह विश्वविद्यालय सरकार के दिशानिर्देशानुसार हर स्थिति में संवेदनशीलता व सूझबूझ के साथ भरसक प्रयत्न करता रहेगा। कार्यक्रम को छात्र कल्याण निदेशक डॉ. देवेन्द्र सिंह दहिया और प्रयास संस्था के महासचिव मुकेश मेहरा ने भी संबोधित किया।
नशा के विरूद्ध दिलाई गई शपथ
इस मौके पर कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को जीवन में स्वयं नशा न करने और दूसरों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई।
नशा के विरूद्ध निकाली गई जागरूकता रैली
कार्यक्रम के अंत में हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स ब्यूरो के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री श्रीकांत जाधव ने लोगों को नशा के खिलाफ जागरूक करने के लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के एनएसएस स्वयंसेवकों की रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह स्वयंसेवक टुकडिय़ों में हिसार शहर के विभिन्न श्रेत्रों में पैदल यात्रा कर लोगों को नशा के विरूद्ध जागरूक करेंगे।
इस मौके पर मंडलायुक्त श्री चंद्रशेखर, आईजी पुलिस श्री राकेश आर्य के साथ-साथ हिसार रेंज के 4 जिलों के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य पुलिस अधिकारी, हिसार स्थित तीन विश्वविद्यालयों के अधिकारीगण व विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।