भू-सूचना विज्ञान में विद्यार्थियों के लिए करियर बनाने की अपार संभावनाएं : कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज

हिसार, राजेंद्र अग्रवाल  : भू-सूचना एक रूचिपूर्ण विषय है। विद्यार्थियों के लिए अपना करियर बनाने की इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। यह बात चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कही। वे हरियाणा अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (हरसैक) की ओर से आयोजित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा प्रायोजित किए गए भू सूचना तकनीक पर छ: सप्ताह अवधि के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य के विभिन महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के भूगोल, पर्यावरण विज्ञान, भू विज्ञान,कम्प्युटर विज्ञान आदि विषयों के 40 छात्र व छात्राएं भाग ले रहे हैं ।
कुलपति ने कहा अन्तरिक्ष तकनीक में हमारा देश विश्व के अग्रणी देशों में शामिल है। भारत के पास विभिन उपग्रह जैसे कार्टोसेट, रिसोर्ससेट, रीसेट उपलब्ध हैं और विभिन प्रकार के उपग्रह छोडऩे हेतु लांचिंग विहकल भी। इसके कारण हमारा देश अपने लिए ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के उपग्रहों को अन्तरिक्ष में छोडने में समर्थ है। उन्होंने कहा की हमारे देश में सुदूर संवेदन उपग्रहों का उपयोग  प्राकृतिक संसाधनों एवं पर्यावरण के प्रबंधन में सफलतापूर्वक किया जा रहा है। आजकल देश में सुदूर संवेदन तकनीक के साथ-साथ भौगोलिक सूचना तंत्र एवं ग्लोबल पोजिशनिंग तंत्र तकनीक का प्रयोग प्रशासकों एवं योजनाकारों के लिए सही समय पर फैसले लेने के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है।
प्रो. काम्बोज ने छात्रों से आह्वान किया कि वे इस तकनीक में गहन अध्ययन करने के लिए विश्व के उचस्तरीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेकर अच्छा रोजगार प्राप्त कर देश के विकास में योगदान दे सकते हैं । उन्होंने छात्रों से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूरी तन्मयता से ज्ञान प्राप्त करने का भी आह्वान किया।
  हरसैक के निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह आर्य ने हरसैक की विभिन्न उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा की हरसैक राज्य में प्राकृतिक संसाधनों के सर्वेक्षण, मानचित्रण, प्रबंधन, अवैध कालोनियों के मानचित्रण, राज्य शहरी सूचना प्रणाली के तहत शहरों के मानचित्र, पर्यावरण, कृषि, भूमि,पानी इत्यादि कार्यों में इस तकनीक का उपयोग सफलता पूर्वक कर रहा है। उन्होंने कहा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों व शोधार्थियों को सुदूर संवेदन तकनीक के साथ-साथ भौगोलिक सूचना तंत्र एवं ग्लोबल पोजिशनिंग तंत्र तकनीक के बारे में अवगत करना है। यह तकनीक सरकारी व निजी क्षेत्र में बहुत रोजगारपरक है।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अनूप कुमार ने इस प्रशिक्षण की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला जबकि हरसैक के वैज्ञानिक श्री रितेश कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। किया। इस अवसर पर हरसैक के सभी वैज्ञानिक, अधिकारिगण और कर्मचारी मौजूद रहे।


Posted On : 19 Jul, 2022