हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : आल इंडिया रोड़ ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के शनिवार को शुरू हुए तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन सीआईटीयू महासचिव एवं पूर्व सांसद का. तपन सेन पहुंचे। उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रतिनिधियों से सरकार की जनविरोधी व परिवहन विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान किया। उन्होंने सरकारी परिवहन कर्मियों के साथ साथ प्राईवेट ट्रांस्पोर्टर को भी राज्यों की यूनियनों के साथ जोड़ने पर बल दिया। क्योंकि छोटे ट्रांस्पोर्टर पर भी सरकार की जनविरोधी नीतियों के विपरित प्रभाव पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का कार्य आम जनता को वहनीय दरों पर यातायात की सुविधा प्रदान करना है। लेकिन सरकार गरीब जनता को दी जाने वाली सब्सिडियों पर हमला करके यातायात को महंगा कर रही है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती दरों का बहाना लेकर बार बार पैट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। कच्चे तेल को रिफाईन करने पर मात्र 2 रूपए प्रति लीटर खर्च आता है। उन्होंने कहा कि सरकार बेकाबू महंगाई से राहत देने की बजाय पेट्रोल डीजल की कुल कीमत का 50 प्रतिशत हिस्सा टैक्स के रूप में ले रही है। जिससे महंगाई और बढती जा रही है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संघर्षों तेज करने के साथ साथ केन्द्र सरकार द्वारा लागू की जा रही जन विरोधी व मजदूर विरोधी नीतियों के पीछे की राजनीति को भी समझना होगा, क्योंकि जनता की बदहाली का कारण कार्पोरेट हित की राजनीति है। उन्होंने संगठन को मजबूत करने व पूरे देश में जनता की भलाई की नीतियों के लिए बड़ा आंदोलन खड़ा करने का आह्वान किया। स्वागत समिति के प्रधान एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने का.तपन सेन को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। सम्मेलन के तीसरे सत्र की अध्यक्षता फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जनार्दन पति ने की।
फेडरेशन के महासचिव के.के.दिवाकरण ने महासचिव की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि मोदी सरकार नीतियों का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र को लूटना, राष्ट्रीय सम्पत्तियों को कार्पोरेट्स को सौंपना,भारत स्वतंत्र विदेश नीति का आत्मसमर्पण करना और भारत को अमेरिका का अधीनस्थ सहयोगी बनना है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों व मजदूरों के खिलाफ अपनी नीतियों की खुलेआम धोषणा की है। श्रम कानूनों को समाप्त कर चार लेबर कोड्स बना दिए गए हैं। कारपोरेट घरानों को नागरिकों की सरकारी बैंकों में जमा राशि को लूटने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले आठ साल के शासन में जनता की पीड़ा की कोई सीमा नहीं रही है। मूल्य वृद्धि, ईंधन की कीमतों में वृद्धि, कारखानों के बंद होने, रिक्त पदों पर भर्तियां न होने,कम वेतन और नौकरियों के नुकसान से जनता की आर्थिक स्थिति को बूरी तरह बर्बाद कर दिया है।
सोमवार को नई राष्ट्रीय कार्यसमिति का होगा चुनाव
महासचिव द्वारा प्रस्तुत की रिपोर्ट पर बहस जारी थी। सोमवार को महासचिव के.के.दिवाकरण प्रतिनिधियों द्वारा बहस में रखे गए बिन्दूओं का जबाव देंगे। इसके बाद सम्मेलन के अंतिम सत्र में प्रतिनिधि नई राष्ट्रीय कार्यसमिति का चुनाव करेंगे।
सम्मेलन में सात प्रस्ताव पारित किए गए
सम्मेलन के आयोजक हरियाणा रोड़वेज वर्कर यूनियन के प्रधान इन्द्र सिंह बधाना, महासचिव सरबत सिंह पूनिया व आल इंडिया रोड़ ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के डिप्टी जरनल सेकेट्री लक्षमईया ने बताया कि सम्मेलन में महंगाई के खिलाफ विशेष तौर पर पेट्रोल डीजल व रसोई गैस खाद्य पदार्थो की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने , बेरोजगारी पर रोक लगाएं, ओर रोजगार के नाम पर अग्निवीरों की भर्ती पर रोक लगाने, असंगठित क्षेत्र के परिवहन कामगारों के साथ सभी कामगारों को समाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने, सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करने वाले या असहमति रखने वालों पर मुकदमें दर्ज कर जेल भेजना बंद करने, 2019 के मोटर व्हीकल एक्ट सहित इसमें जनता पर भारी जुर्माना का प्रावधान लाईसेंस फीस में भारी बढ़ोतरी को वापस लेने, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन को वापस लेने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को बहाल करने की मांग के प्रस्ताव को सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।
Posted On : 18 Jul, 2022