हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : स्टेट मीडिया कोऑर्डिनेटर नीरज गुप्ता ने बताया कि गुरुदेव द्वारा किए गए मानवतावादी कार्यों के लिए उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गर्व की बात हैं और इसका आर्ट ऑफ लिविंग का पूरा परिवार एवं सभी शिक्षक श्री परीक्षित आर्य, डॉ उमेश आर्य, श्रीमती भारती मुंजाल, श्री विजय शर्मा, श्री कृष्ण कुमार, श्री महावीर अग्रवाल, श्रीमती सुमन गोयल, श्री सुरेश जैन, श्री विश्रुत जैन, श्री अजय नैन, श्रीमती मंजू, श्री ईश्वर सैनी, साक्षी अग्रवाल, श्रीमती अर्चना शर्मा तहेदिल से स्वागत करते हैं।
माननीय चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने अपने संबोधन में कहा, "हम आपके आभारी हैं कि वर्तमान और भविष्य में आने वाली पीढ़ियां आपके द्वारा दिए गए ज्ञान का अनुसरण करेंगी। आप शांति एवं सामंजस्य के मार्ग पर हम सभी का निर्देशन करें। सूरीनाम के लोग पूरे हृदय से आपका स्वागत करते हैं।"
नीरज गुप्ता ने बताया कि इस समारोह का आयोजन राष्ट्रपति निवास में किया गया। गुरुदेव ऐसे पहले एशियन हैं, जिन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया गया है। अभी तक इतिहास में यह सम्मान राज्य के प्रमुख व्यक्तियों को ही दिया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि यह सम्मान एक आध्यात्मिक गुरु को दिया गया है। इस समारोह में सूरीनाम में भारत के राजदूत माननीय डॉ शंकर बालचंद्रन भी मौजूद थे।
गुरुदेव ने अपने ट्वीट में कहा, "मैं इस सम्मान का श्रेय आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षकों और स्वयं सेवकों को देना चाहता हूं,जिन्होंने देश में इतनी सराहनीय सेवा की है। मैं इस सम्मान के लिए राष्ट्रपति जी और जजों को धन्यवाद देना चाहता हूं।"
गुरुदेव २१ वर्षों के बाद दक्षिण अमेरिका राष्ट्र की यात्रा कर रहे हैं, जहां सूरीनाम के माननीय रक्षामंत्री ने गुरुदेव का स्वागत किया। सुबह के समय गुरुदेव देश के प्रमुख व्यापारी वर्ग से मिले और कार्य क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए आध्यात्म की महत्ता पर बातचीत की। शाम के समय गुरुदेव ने पैरामारीबो में खचाखच भरे एंथोनी नेस्टी स्पोर्थल राष्ट्रीय इंडोर स्टेडियम में संबोधन किया। वहाँ गुरुदेव ने ध्यान कराया और वहाँ मौजूद हज़ारों लोगों से बातचीत की। आर्ट ऑफ लिविंग के दृष्टिकोण "मेकिंग लाइफ ए सेलिब्रेशन” को ध्यान में रखते हुए, वहाँ मौजूद लोगों ने प्राचीन मंत्रोच्चारण की तरंगों और भजनों का आनंद उठाया।
माननीय राष्ट्रपति ने 'आई स्टैंड फॉर पीस” की शपथ भी ली, जिसकी शुरुआत गुरुदेव ने एक वैश्विक अभियान के रूप में की, ताकि शांतिपूर्ण प्रगति, एकता और सामंजस्य की ओर ध्यान खींचा जा सके।
Posted On : 15 Jul, 2022