आईएएस डॉ. समित शर्मा की मेहनत हुई सफल-मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना हुई परिमार्जित, न चलेगी सिफारिश, न चलेगा सेवा शुल्क, हिमजल की भांति पवित्र और पारदर्शी हुई योजना

करौली,  राजस्‍थान, हरि बाबू :  डॉ. समित शर्मा। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों में एक ऐसा नाम, जिसने अपनी अनूठी कार्यशैली से सरकारी विभागों से होकर गुजरने वाली जीवन की हरेक राह में अपने विशिष्ट पदचिह्न अंकित किए हैं। लीक से अलग हटकर अभिनव करने की जिद और रचनात्मक दृष्टिकोण के जुनून की साझी ताकत से काम करने वाले डॉ. समित शर्मा ने इस बार मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना को हिमजल की भांति पवित्र और पारदर्शी बनाने की दिशा में ऐसा चमत्कारिक काम कर डाला है कि इतिहास उसे अपने पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में अंकित करने के लिए विवश होगा।
निशुल्क दवा योजना को लेकर देश भर में चर्चित हुए डॉ. शर्मा मेधावी छात्रों के सुनहरे भविष्य के मकसद से राजस्थान में आरम्भ की गई 'मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना' को लेकर फिर एक बार चर्चा में हैं। अधीनस्थ कर्मचारियों और अधिकारियों से मित्रवत व्यवहार करने वाले समित शर्मा सदैव ही टीम को साथ लेकर लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर होते हैं। इस बार भी उन्होंने टीम वर्क के इसी फार्मूले को अपनाया और विसंगतियों के दलदल में धंसी श्रेष्ठ व जनकल्याणकारी योजना को उबारने और भ्रष्टाचार रहित बनाने के चुनौतीपूर्ण कार्य में जुट गए।
कहते हैं कि निस्वार्थ भाव और पवित्र मन से परोपकार की ओर कदम बढ़ाने वालों को ईश्वर कभी भी निराश नहीं करते। ठीक ऐसा ही अनुप्रति कोचिंग योजना के परिमार्जन के दुष्कर मिशन में जुटे डॉ. शर्मा के साथ हुआ। सिस्टम सुधारने का कार्य आरम्भ करते वक्त इस आईएएस ऑफिसर सहित पूरी टीम सफलता को लेकर आशंकित थी लेकिन कदम-दर-कदम मिली चरणबद्ध कामयाबी ने पूरी टीम के चेहरों पर छायीं चिंता की लकीरों को धो डाला। अब अनुप्रति कोचिंग योजना में छात्रों के चयन की प्रक्रिया न सिर्फ सम्पूर्ण पारदर्शी होगी बल्कि उसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी शून्य पर लाकर लॉक कर दी गई।
डॉ. शर्मा ने बताया कि इस योजना में विसंगतियों का भीषण मकडज़ाल था लेकिन उन्होंने टीम के साथ उन सभी गड़बड़ियों को बाहर निकाल फेंका है। अब यह योजना करप्शन के पर्यायवाची शब्द 'सेवा शुल्क' एवं पात्र अभ्यर्थियों को पीछे धकेलने वाली  'सिफारिश' की परम्परा से पूरी तरह मुक्त हो चुकी है।
एक सवाल के जबाव में वह बोले-"स्कॉलरशिप के लिए तकरीबन 11 लाख आवेदन आते थे। ऐसे में उनका तकनीकी मदद के बिना किसी भी मानव द्वारा तय समय सीमा में जांच करके निस्तारण कर पाना असम्भव ही नहीं, नामुमकिन भी था। यही वजह थी कि हमने कम्प्यूटर में ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया जो न सिर्फ़ आवेदनों की त्वरित जांच करेगा बल्कि संस्थानों से सीधा वेरिफिकेशन करते हुए ऑटो एप्रूवल भी प्रदान कर देगा। हम यह भी पता कर लेंगे कि अभ्यर्थी को डिग्री देने वाला संस्थान फर्जी तो नहीं है। इसके लिए हम मान्यता प्रदान करने वाली संस्था से सीधे वेरिफाई करेंगे। लाभार्थी को सेवा ग्राहक और सरकार को सेवा प्रदाता का स्वरूप प्रदान करने वाली इस योजना में परिवर्धन और परिमार्जन के बाद अब गलती की सम्भावना शून्य रह गई है।"
डॉ. शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के अंतर्गत  विद्यार्थियों के आवेदन 1 जुलाई 2022 से 31 जुलाई 2022 तक ऑनलाइन किए जा सकेंगे। इसमें परिवार की समस्त स्रोतों से आठ लाख रुपए की वार्षिक आय सीमा वाले विद्यार्थी ही आवेदन कर सकेंगे। योजना में आईएएस, आरएएस, सब इंस्पेक्टर, रीट, कॉन्स्टेबल, पटवारी, कनिष्ठसहायक ,इंजीनियरिंग,मेडिकल,सीए ,सीएस इत्यादि परीक्षाओं की कोचिंग प्रतिष्ठित संस्थाओं के माध्यम से कराई जाएगी। आवेदन यथासंभव पोर्टल द्वारा स्वतः सत्यापित होंगे और एक वर्ष में 15 हजार अभ्यर्थियों का इस हेतु चयन होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि आवेदन पत्र के साथ यथासंभव दस्तावेज अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी। विद्यार्थियों द्वारा अपना जाति प्रमाण , मूल निवास प्रमाण पत्र व आय घोषणा पत्र जनाधार कार्ड में  अद्यतन/ लिंक करना होगा। आवेदन प्राप्ति की अंतिम तिथि के तत्पश्चात ही मेरिट जारी कर दी जाएगी। मेरिट के साथ ही 10% अतिरिक्त प्रतीक्षा सूची भी जारी होगी।
अभ्यर्थी एसएसओ पोर्टल http://sso.rajasthan.gov.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। योजना की विस्तृत जानकारी विभाग की वेबसाइट https://sje.rajasthan.gov.in पर देखी जा सकती है।


Posted On : 13 Jul, 2022