खेदड़ की घटना के लिए सरकार की तानाशाही जिम्मेवार : वजीर पूनिया

हिसार, राजेंद्र अग्रवाल  :  ट्रैक जाम की घोषणा के बाद भी सरकार करती रही टकराव का इंतजार।
      वरिष्ठ कांग्रेस नेता वजीर सिंह पूनिया ने खेदड़ में ग्रामीणों व पुलिस के बीच हुई झड़प व इसमें एक ग्रामीण की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि सरकार की तानाशाही व निकम्मेपन की वजह से हुई इस घटना में अनेक ग्रामीण व पुलिस कर्मचारी घायल हो गए। सरकार अपनी अलग नीतियों से ग्रामीणों, किसानों व जवानों को आपस में लड़ाना चाहती है।
वजीर सिंह पूनिया ने कहा कि खेदड़ में ग्रामीण दो माह से अधिक समय से धरना दे रहे थे और वे खेदड़ प्लांट प्रशासन द्वारा प्लांट से निकलने वाली राख का टेंडर दिए जाने का विरोध कर रहे थे। ग्रामीणों की यह माह बिल्कुल जायज है और जब कोई भी इस राख को उठाने को तैयार नहीं था तो उस समय ग्रामीणों ने ही यह बीड़ा उठाया था। आज यह सरकार उस राख का टेंडर करना चाहती है जबकि ग्रामीणों का कहना है कि यदि टेंडर कर दिया गया तो गौशाला की ओर से राख उठाने के लिए खरीदी गई मशीनें बेकार हो जाएगी। ऐसे में एक तो गौशाला की आमदनी समाप्त होगी, जिससे गौशाला को नुकसान होगा और मशीने नकारा होने से गौशाला को दूसरा आर्थिक नुकसान होगा।
वजीर सिंह पूनिया ने कहा कि जब सत्तापक्ष ने लंबे समय तक ग्रामीणों की बात नहीं सुनी और मामले का समाधान करवाने का प्रयास नहीं किया तो ग्रामीणों ने बिजली मंत्री रणजीत सिंह, उकलाना के विधायक एवं मंत्री अनूप धानक व बरवाला के विधायक जोगीराम सिहाग का बहिष्कार किया, जो बिल्कुल उचित है। इसके बाद ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक जाम करने का ऐलान किया लेकिन इसके बावजूद भी सरकार नहीं चेती और ग्रामीणों व पुलिस में टकराव का इंतजार किया जाता रहा। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए सीधे तौर पर सरकार व उसकी तानाशाही जिम्मेवार है, जिसे जनता माफ नहीं करेगी।


Posted On : 09 Jul, 2022