हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार को बीड प्रोडक्ट वर्कस्टेशन नामक डिज़ाइन किए गए उत्पाद पर दस साल का डिज़ाइन अधिकार मिला है। भारतीय पेटेंट कार्यालय की ओर से जारी डिजाइन प्रमाण पत्र में इस उत्पाद को 339710-001 पंजीकरण संख्या प्रदान की गई। यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. आर. काम्बोज ने दी।
प्रो. काम्बोज ने बताया कि इस उत्पाद के अविष्कार से मनका उत्पाद बनाने वाली असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को कार्य करने में बहुत सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि यह वर्कस्टेशन प्रमुख रूप से फर्श पर बैठकर कार्य करने वाले शिल्प श्रमिकों को पीठ के ऊपरी व निचले हिस्से, गर्दन और अग्र-भुजाओं से संबंधित मस्कुलो-स्केलेटल विकारों से बचाता है इसलिए इसका उपयोग अन्य बहुउद्देशीय बैठकर कार्य करने के लिए भी किया जा सकता है।
बीड प्रोडक्ट वर्कस्टेशन प्रदान करता है व्यवहार्य सहायता
कुलपति ने कहा भारत में असंगठित महिला श्रमिकों का एक बड़ा हिस्सा घरेलू कामगारों के रूप में कार्य करता है और ये महिलाएँ बिना किसी सुरक्षा और कठोर परिस्थितियों के काम करती हैं। यह वर्कस्टेशन व्यक्तिगत और साथ ही संगठनात्मक स्तर पर काम करने वाली महिलाओं को व्यवहार्य सहायता प्रदान करता है और कार्य से होने वाले अधिकांश मस्कुलो-स्केलेटल विकारों से शरीर की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय किसानों व आम लोगों के लाभ की ऐसी कई तकनीकों पर काम कर रहा है जिन्हें सही मार्गदर्शन के द्वारा भविष्य में और भी बेहतर बनाने एवं बौद्धिक सम्पदा के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह बीड प्रोडक्ट वर्कस्टेशन डिज़ाइन करने वाली विश्वविद्यालय के पारिवारिक संसाधन प्रबंधन विभाग की शोध छात्रा एकता मलकानी व उनकी गाइड डॉ. मंजु महता को बधाई दी।
श्रमिकों को सामान्य पहुंच में काम करने में होती है सुविधा
डॉ. मंजु महता ने कहा कि मनके के तार और मोतियों के आभूषण बनाने में लगी महिलाएँ फर्श पर बैठकर लंबे समय तक काम करती हैं। यह वर्कस्टेशन पीठ के ऊपरी हिस्से को आगे की ओर झुकाए बिना एक समय में 2-4 महिलाओं को एक साथ काम करने के लिए आरामदायक जगह प्रदान करता है। वर्कस्टेशन का स्लाइडिंग समायोजन इस उत्पाद की कॉम्पैक्टनेस और गतिशीलता के साथ जगह की भी बचत करता है। इसमें भंडारण के लिए स्थान होने के चलते यह श्रमिकों को उनकी सामान्य पहुंच में काम करने में सक्षम बनाता है।
इस अवसर पर मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. मंजु महता, ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, सहायक निदेशक आईपीआर सेल, डॉ. विनोद कुमार व मीडिया एडवाइज़र डॉ. संदीप आर्य उपस्थित थे।
Posted On : 07 Jul, 2022