हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दलबीर किरमारा ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह प्रदेश के आंदोलनरत वर्गों से बातचीत करके उनकी मांगों एवं समस्याओं का निपटारा करें। उन्होंने कहा कि कहीं पर किसान, कहीं पर मजदूर, कहीं पीटीआई के बर्खास्त टीचर तो कहीं अन्य तबका धरने, प्रदर्शन करने को मजबूर है और ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह आंदोलनरत वर्ग की परीक्षा लिए बिना उनसे बातचीत करके मांगों व समस्याओं का समाधान करें।
दलबीर किरमारा ने कहा कि चाहे केन्द्र की सरकार को या हरियाणा की या किसी अन्य राज्य की, जनता की समस्याओं व मांगों का निपटारा करना उसका प्रथम कर्तव्य होना चाहिए। सरकार किसी प्रदेश या देश का प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए सरकार को आंदोेलनरत वर्गों से बातचीत करके उनकी मांगों व समस्याओं के समाधान करने का बड़प्पन दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिसार जिले के आदमपुर व बालसमंद में किसान धरने पर बैठे हैं और खराब हुई फसलों के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसान के खेतीबाड़ी ही आजीविका का मुख्य साधन है और जब खेती ही खराब हो जाए तो उसके सामने और कोई चारा नहीं बचता। किसान मेहनतकश व हर समय खेत में रहने वाला वर्ग है और उसे आंदोलन या धरने, प्रदर्शन करने का शौक नहीं है लेकिन जब खेती ही खराब हो जाए तो उसके सामने आंदोलन के सिवाय कोई चारा नहीं बचता। ऐसे में सरकार एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों को चाहिए कि वे किसानों की बात सुनें और उनकी मुआवजे की मांग को पूरा करे ताकि किसान अपने परिवार का भरण पोषण सही ढंग से कर सके।
दलबीर किरमारा ने कहा कि हिसार लघु सचिवालय के बाहर किसान, पीटीआई के बर्खास्त टीचर, कोरोना में काम करने वाले युवा व अन्य वर्ग अपनी—अपनी मांगों व समस्याओं के हल के लिए धरना दे रहेे हैं। सरकार चाहे तो चुटकियों में इनकी मांगों व समस्याओं का समाधान हो सकता है लेकिन सरकार हर आंदोलन को लंबा चलाकर आंदोलनकारियों को दबाने या उन्हें तितर—बितर करने का प्रयास करती है। समाधान हर वर्ग चाहता है लेकिन जरूरी यह है कि सरकार की ओर से पहल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार व विपक्ष ने ऐसे आंदोलनों को अपनी राजनीति चमकाने का साधन बना लिया है। सरकार इन आंदोलनों को गलत बताकर राजनीति करती है वहीं विपक्ष के नेता ऐसे आंदोलन स्थलों पर आते हैं, सरकार को कोसते हैं और चले जाते हैं लेकिन कहीं पर भी विपक्ष के नेता धरातल पर आंदोलनकारियों के साथ दिखाई नहीं दिए। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में आंदोलन चल रहा है, उस क्षेत्र के सत्तापक्ष व विपक्ष के नेता को उस आंदोलन बारे स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और ऐसे लोगों को आंदोलन स्थल पर बुलाकर उसकी राय लेनी चाहिए क्योंकि यदि किसी क्षेत्र या किसी वर्ग से अन्याय हो रहा हो या कोई पीड़ित है तो उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि का कर्तव्य बनता है। वह समस्याओं का समाधान करवाए। उन्होंने आंदोलनकारियों से भी अपील की कि वे कानून के दायरे में रहकर शांतिपूर्ण ढंग से अपना आंदोलन चलाएं, उनकी मेहनत व संघर्ष अवश्य रंग लाएगा।
Posted On : 06 Jul, 2022