हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : दिगंबर जैन के वरिष्ठ आचार्य विराग सागर महाराज के शिष्य मुनि श्री 108 विशोक सागर का सोमवार को हिसार में मंगल पदार्पण हुआ। सोनीपत से निरंतर पदयात्रा करते हुए मुनि ने हिसार में मंगल प्रवेश किया। इस मौके पर समस्त जैन समाज के लोगों ने उनका स्वागत किया । मुनि श्री नागोरी गेट स्थित बड़ा जैन मंदिर में विराजमान हैं। इस दौरान उनके अनुयायियों ने बैंड बाजे के साथ मुनि का स्वागत किया। इस दौरान अनुयायी गुरु भक्ति में झूमते नजर आए। दिगंबर जैन संत 12 महीने से 8 महीने तक विहार करते हैं और बरसात के समय एक स्थान पर रुक जाते हैं। वह समय होता है 4 महीने का। इसलिए इसे चौमासा या चतुर्मास कहते हैं। बारिश के समय जीवों की उत्पत्ति होती है। साथ ही हरियाली होती है। जैन संतों की जीवों की हिंसा न हो इसलिए एक जगह पर अपनी साधना करते हैं। पहले साधु नगर में नहीं जंगल में चतुर्मास करते थे, लेकिन आजकल नगर में चतुर्मास करते हैं तो यह धर्म प्रभावना होती है।
Posted On : 06 Jul, 2022