श्वास हमारे शरीर और मन के बीच की कड़ी है - नीरज गुप्ता खुशी एक यात्रा है, मंजिल नहीं - नीरज गुप्ता

हिसार, राजेंद्र अग्रवाल  : आर्ट ऑफ लिविंग हिसार शाखा द्वारा आयोजित ‘हैप्पीनेस प्रोग्राम’ का समापन प्रतिभागियों के ख़ुशियाँ बाँटने के संकल्प के साथ किया गया। इस शिविर में लोगों को खुश,गतिशील और तनाव मुक्त जीवन के रहस्य सिखाये गए। शिविर का संचालन स्टेट मीडिया कोऑर्डिनेटर एवं शिक्षक श्री नीरज गुप्ता, श्री ईश्वर सैनी एवं श्रीमती अर्चना शर्मा ने किया।

नीरज गुप्ता ने बताया कि ख़ुशी एक यात्रा है मंज़िल नहीं। उन्होंने कहा कि हम जो भी कार्य करते हैं ख़ुशी पाने के लिए करते हैं और अगर हमारे मन के अनुसार काम न हो तो हम दुखी हो जाते हैं। इस दौरान हमारा जो जीवन है वह भी तनाव में रहता है, तो बेहतर ये है की कुछ भी हम काम करें वो ख़ुशी ख़ुशी करें जिससे परिणाम हमारे मन अनुसार हो ना हो पर जीवन में तो खुशी बनी रहती हैं। उन्होंने बताया कि श्वास हमारे शरीर और मन के बीच की कड़ी है, इसलिए यह मन और नकारात्मक भावनाओं को सँभालने का साधन भी है और व्यवसाय, घर या खाली समय में अपनी सही क्षमता को अनुभव करने का माध्यम भी।

श्री ईश्वर सैनी ने बतासा कि शिविर में सिखायी गई सुदर्शन क्रिया एक सहज लयबद्ध शक्तिशाली तकनीक है जो कि विशिष्ट प्राकृतिक श्वासों की लयों के प्रयोग से शरीर, मन और भावनाओं को एक ताल में लाती है। यह तकनीक शरीर व मन को तनाव, थकान और नकारात्मक भावों से दूर कर शांति, एकाग्रता व गहरा विश्राम प्रदान करती है।

श्रीमती अर्चना ने बताया कि इस शिविर में सुदर्शन क्रिया के अलावा योग, प्राणायाम के साथ आपसी क्रिया-प्रतिक्रिया के माध्यम से ज्ञान के व्यवहारिक जीवन दर्शन बिन्दुओं को भी बताया गया जिससे तनाव और संघर्ष  के कठिन क्षणों में हम संतुलित रह सकें।

कार्यक्रम में भाग ले रहे प्रतिभागियों ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कार्यक्रम करने के पश्चात उन्हे एक शांत, संतुलित, खुश और स्थिर मन का अनुभव हो रहा हैं।
सुदर्शन क्रिया पर विश्व भर में कई स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा विस्तृत अनुसंधान किया गया है। इनमे AIIMS एंव NIMHANS के शोध परिणाम कहते हैं कि इससे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वरूप पर भी बहुत प्रभाव पड़ते है।
शिविर में अंजली, अशोक कुमार, अजय, पुष्पा गिरि, श्याम लाल, अनिकेत, विरेंद्र नारायण एवं अन्य प्रतिभागियों ने अंतिम दिन एक दूसरे को पौधे बांट कर अपनी ख़ुशी का इज़हार किया एवं ख़ुशियाँ बाँटने के संकल्प के साथ समापन किया गया। नीरज गुप्ता ने  बताया कि प्रकृति से हम बहुत कुछ लेते हैं पर बदले में प्रकृति हमसे कुछ भी चाह नहीं रखती, इसलिए ये हमारी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम पर्यावरण का संरक्षण करें। उन्होंने सभी को संकल्प करवाया कि जीवन में अधिक से अधिक पौधारोपण करेंगे। उन्होंने बताया कि पिछले 18 वर्षों की भाँति इस मानसून में भी हिसार में पौधारोपण, पौधे वितरण का कार्य किया जाएगा।



Posted On : 04 Jul, 2022