हिसार डिपो में मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नहीं मिल रहे देय लाभ, चक्कर लगाने को मजबूर परिजन : दलबीर किरमारा

हिसार, राजेंद्र अग्रवाल  : कर्मचारियों की एसीपी व एसीआर भी लंबित, काम लंबित होने से परेशान हो रहे कर्मचारी
भ्रष्टाचारियों की जकड़ में आए जीएम, ड्यूूटियां लगाने में मनमानी व बंदरबांट हावी
हिसार। हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने कहा है कि हिसार डिपो में कर्मचारियों के अनेक आवश्यक कार्य लंबित होने से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि कई दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को भी समय पर देय लाभ नहीं दिए जा रहे हैं जो न केवल दिवंगत कर्मचारी की आत्मा से बल्कि उनके आश्रितों से भी अन्याय है।
दलबीर किरमारा ने कहा कि वरिष्ठ एचसीएस अधिकारी राहुल मित्तल जब पहली बार हिसार डिपो में महाप्रबंधक लगकर आए और उन्होंने जो कार्य किए, उससे उन्होंने हर कर्मचारी के दिल में अपनी जगह बनाई। विभाग की जिन सीटों पर जमकर चांदी कूटी जाती थी, उन सीटों पर उन्होंने लगाम लगाई और कर्मचारियों के जायज काम करने में बिल्कुल देरी नहीं की। यहां तक कि वे कर्मचारियों के मिलने पर उन्हें बैठाकर उनकी समस्या सुनते थे। इसी दौरान उनका रोहतक तबादला हो गया और कुछ समय बाद वे रोहतक से हिसार वापिस महाप्रबंधक लगकर आए लेकिन दूसरी बार आने पर उनका रवैया पहली बार की बजाय एकदम विपरीत हो गया। जिन भ्रष्टाचारियों को उन्होंने सीटों से हटाया, जिन पर उन्हें विश्वास नहीं था या जिनका भ्रष्टाचार पकड़ा गया था, उनको इस बार महाप्रबंधक ने पुचकारना शुरू कर दिया। इसके पीछे कारण या दबाव क्या रहा, यह तो महाप्रबंधक ही जानें लेकिन कर्मचारियों में यह चर्चा अवश्य है कि इस बार महाप्रबंधक कुछ लोगों के दबाव में है और आजकल उन्हीं के सहारे चल रहे हैं।
दलबीर किरमारा ने कहा कि डिपो के आधा दर्जन कर्मचारी, जिनकी मौत हो चुकी है, उनके आश्रितों को अभी तक देय लाभ नहीं दिए गए हैं और उनके बीवी—बच्चे अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है। इसी तरह 2014 में भर्ती चालकों का एसीपी नहीं लगाया गया और उन्हें यह कहकर टरकाया जा रहा है कि उनकी एसीाइआर नहीं लिखी गई है जबकि एसीआर पर जीएम को ही हस्ताक्षर करके फाइनल करना है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2002 के 20 चालकों की पिछली जुलाई में लगने वाली वेतन वृद्धि नहीं लगाई गई है और उन पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे पहली लगी वेतन वृद्धि हटवाएं, तब उन्हें नई वेतन वृद्धि मिलेगी। इसी तरह डिपो की विभिन्न शाखाओं में ड्यूटियां लगाने में बंदरबांंट व मनमर्जी हावी है। हर दूसरे—तीसरे दिन कर्मचारियों को इधर से उधर तब्दील करके परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डिपो के अधिकतर कार्य महाप्रबंधक के समय पर कार्यालय न आने के कारण लंबित है। उनका कार्यालय आने का कोई टाइम नहीं है बल्कि जाने का टाइम फिक्स है। उन्होंने कहा कि महाप्रबंधक दिव्यांग व्यक्ति है और वे सही ढंग से देख नहीं पाते, जिससे रोडवेज कर्मचारियों को पूरी सहानुभूति है लेकिन समय पर काम न होने या मृतक कर्मचारियों के परिजनों को समय पर लाभ न मिलने से उन्हें भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने राज्य सरकार, परिवहन मंत्री एवं विभाग के महानिदेशक से मांग की कि डिपो महाप्रबंधक को निर्देश देकर कर्मचारियों के सभी लंबित काम पूरे करवाएं जाएं और महाप्रबंधक को एक ऐसा विश्वासपात्र अधीनस्थ उपलब्ध करवाया जाए जिस पर विश्वास करके वे सारे कार्य सही ढंग से कर सकें और उनके साथ आ रहे उनके पिताजी को विभागीय कार्यों में अनावश्यक दखंलदाजी न करनी पड़ें।


Posted On : 30 June, 2022