हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा जिले में श्वेत क्रांति को बढ़ावा देने तथा पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए दुधारू पशुओं की डेयरी स्थापित करवाई जा रही हैं।
यह जानकारी देते हुए एसडीओ डॉ रविंद्र कुमार कौशिक ने बताया कि विभाग द्वारा 50 दुधारू भैंसों की हाईटेक डेयरी स्थापित करवाई जाती है। पशुपालक को डेयरी स्थापित करने के लिए 50 लाख रुपए का ऋण दो किस्तों के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाता है। 25 प्रतिशत मार्जिन मनी पशुपालक को स्वयं वहन करनी होती है। विभाग द्वारा पशुपालकों के बैंक ऋण के ब्याज का भुगतान किया जाता है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 20 भैंसों की हाईटेक डेयरी हेतु 20 लाख रुपए का ऋण 2 किस्तों के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाता है। बैंक ऋण के ब्याज का भुगतान विभाग द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि 10 दुधारू भैंसों की डेयरी स्थापित करने वाले पशुपालकों को 9 लाख रुपए का ऋण दिया जाता है। डेयरी का व्यवसाय करने वाले सामान्य वर्ग के पशुपालकों को ऋण का 25 प्रतिशत अनुदान तथा अनुसूचित जाति के पशुपालकों को ऋण का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसी प्रकार चार दुधारू भैंसों की डेयरी का व्यवसाय करने वाले पशुपालकों को 3.60 लाख रुपए का ऋण, सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को ऋण का 25 प्रतिशत अनुदान तथा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को ऋण का 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है।
एसडीओ डॉ रविंद्र कुमार कौशिक ने बताया कि बकरी, भेड़ तथा सूअर पालन का व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों को उदार शर्तों पर ऋण एवं अनुदान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। बकरी/भेड़ पालन का व्यवसाय करने वाले सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को 25 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। बकरी/भेड़ पालन के लिए 98 हजार रुपए की राशि ऋण के तौर पर उपलब्ध करवाई जाती है। 15 बकरी/भेड़ के साथ एक बकरा/मेंड़ा की खरीद भी करनी होगी। सूअर पालन की यूनिट स्थापित करने वाले व्यक्तियों को एक लाख रुपए का ऋण उपलब्ध करवाने के साथ-साथ सामान्य वर्ग के लिए 25 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
Posted On : 27 June, 2022