हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड़ के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा बिनौला मिल मालिकों पर 42 हजार रुपए वार्षिक प्रति एक्सपेलर के हिसाब से लगाना नाजायज है जबकि प्रति एक्सपेलर अधिक से अधिक 10 हजार रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए। सरकारी आंकड़े के अनुसार हरियाणा में 1520 स्पेलर लगे हुए हैं। प्रति वर्ष 42 हजार रुपए के हिसाब से 6 करोड़ 38 लाख 40 हजार रुपए बनते हैं जबकि सरकार अब बिनौला पर मार्केट फीस एक करोड रुपए वार्षिक आती है। श्री गर्ग ने हरियाणा सरकार से अपील की है कि इस फैसले पर पुनः विचार करके एक्सपेलर पर 42 हजार रुपए लगाई गई मार्केट फीस को तुरंत प्रभाव से कम किया जाए। जबकि बिनौला पर तो मार्केट फीस ही होनी नहीं चाहिए क्योंकि बिनौले से जो खल बनता है वह पशु के खाने में काम आता है और किसान इसे खरीदता है। सरकार द्वारा 42 हजार रुपए प्रति वर्ष एक्सपेलर पर लगाने से गांव स्तर पर जो छोटी-छोटी ईकाई है वह पैसे भरने की स्थिति में नहीं है, इससे लघु उद्योग पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। बजरंग गर्ग ने कहा कि डब्बल एल फार्म कोई टैक्स नहीं है, वह सिर्फ भ्रष्टाचार का अड्डा है। डब्बल एल फॉर्म की आड़ में सरकारी अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के लिए व्यापारियों को नाजायज तंग कर रहे हैं। सरकार को एक्सपेलर पर लगाया गया 42 हजार रुपए प्रति वर्ष मार्केट फीस कम करने के साथ-साथ डब्बल एल फार्म को भी व्यापारियों के हित में हटाना चाहिए।
Posted On : 18 June, 2022