अग्निपथ योजना पर फिर से विचार करके सेना सहित हर विभाग में स्थाई भर्ती करे सरकार : दलबीर किरमारा

हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : रोडवेज नेता ने युवाओं से की शांतिपूर्ण आंदोलन की अपील, हिंसात्मक आंदोलन किसी के हक में नहीं
     हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि वह सेना में अग्निपथ योजना के तहत की जाने वाली भर्ती प्रक्रिया पर फिर से विचार करते हुए युवाओं को स्थाई भर्ती का मौका दे। साथ ही उन्होंने योजना के खिलाफ आंदोलन कर रहे युवा वर्ग से अपील की कि वे हिंसात्मक गतिविधियों से बचें और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जताएं ताकि किसी को परेशानी न हो।
दलबीर किरमारा ने कहा कि केन्द्र सरकार ने हाल ही में अग्निपथ योजना के तहत चार वर्ष के लिए युवाओं को सेना में भर्ती करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि केवल सेेना ही चाहे कोई भी विभाग को उसमें स्थाई भर्ती को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जब तक नौजवानों पर रोजगार जाने की तलवार लटकती रहेगी, वे सेना तो क्या, किसी भी विभाग में निश्चित होकर अपनी ड्यूटी नहीं कर पाएंगे। वैसे सेना जैसे विभाग में चार साल के लिए भर्ती किया जाना और फिर युवाओं को सेवानिवृत कर दिया जाना न तो न्यायसंगत है और न ही किसी के गले उतर रहा है। यही वजह है कि सरकार की इस योजना का देश के हर हिस्से में विरोध हो रहा है। देश में बढ़ती बेरोजगारी व रोजगार न मिलने से दुखी युवाओं के विरोध को गलत नहीं कहा जा सकता, ऐसे में केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह अपनी इस नई योजना पर फिर से विचार करते हुए सेना में स्थाई भर्ती का रास्ता खोले। यही नहीं, केन्द्र सरकार अपने सभी विभागों में कच्ची भर्ती की बजाय स्थाई भर्ती के आदेश जारी करे और राज्य सरकारों को भी निर्देश दें कि वे भी अपने—अपने विभागों में स्थाई भर्ती करे।
दलबीर किरमारा ने कहा कि अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए देशभर में युवा वर्ग सड़कों पर आ गया है और इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है। हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ आंदोलन चला रहे युवाओं के साथ है लेकिन संगठन युवाओं से अपील करता है कि वे आंदोलन को हिंसात्मक रूप न दें और बसों, रेलगाड़ियों व अन्य सरकारी संपति में तोड़फोड़ या आगजनी करके उसे नुकसान न पहुंचाए। उन्होंने कहा कि जिस संपति को सरकारी समझकर फूंक दिया जाता है, वह संपति सरकार की नहीं बल्कि जनता की सपंति है और जनता को अपनी संपति की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने लगभग डेढ़ वर्ष तक चले किसान आंदोलन का हवाला देते हुए युवा वर्ग से अपील की कि वे संगठित होकर शांतिपूर्ण ढंग से अपना विरोध जताएं क्योंकि हिंसात्मक आंदोलन किसी के हक में नहीं होता।


Posted On : 17 June, 2022