हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : सेना की सभी इन्फेंट्री यूनिट /पलटन अभी की तरह कार्य करती रहेगी, कोई फेरबदल नही होगा
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एवं परम् विशिष्ट सेवा मैडल से सम्मानित राज्यसभा सांसद डॉ डीपी वत्स ने कहा है कि वर्तमान समय में युद्ध केवल सीमाओं पर ही नहीं लड़े जाते, विरोधी राष्ट्र अवैध हथियारों, नशे तथा जाली करंसी की सप्लाई करने के साथ-साथ दंगा फसाद करवा कर देश को अस्थिर करने के कुत्सित प्रयास करते हैं। ऐसे में देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा सशस्त्र बलों में सेवा के लिए आरम्भ की जा रही ‘अग्निपथ-अग्निवीर’ योजना एक बेहद अहम योजना है। यह योजना देश की सीमाओं के साथ-साथ देश के अंदर भी हमारे नागरिक की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी। वे बुधवार को स्थानीय लोक निर्माण विश्राम गृह में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर वीर चक्र से सम्मानित भाजपा जिलाध्यक्ष कैप्टेन भूपेंद्र सहित बड़ी संख्या में एक्स सर्विसमैन उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना एक स्वैच्छिक योजना है, हालांकि दुनिया के बहुत से देशों ने तो अपने राष्ट्र की मजबूती के लिए डिफेंस सर्विस को मैंडेटरी किया है। लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स ने कहा कि विपक्षी दलों का काम सरकार के हर फैसले का विरोध करना है। धारा 370 को समाप्त करने पर भी विपक्षी पार्टियों ने सरकार का विरोध किया, यहां तक कि कोरोना की वैक्सीन को तो उन्होंने भाजपा की वैक्सीन बताकर विरोध किया था, जिसने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी नागरिकों को सुरक्षा चक्र देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि योजना की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी और यदि कहीं संशोधन की आवश्यकता पड़ती है, तो वह भी किया जा सकता है, लेकिन यह सब योजना के क्रियान्वयन के बाद ही होगा। पहले से हो-हल्ला मचाना केवल राजनीतिक स्वार्थ है। योजना के तहत 25% युवाओं को सेना में स्थाई तौर पर समायोजित किया जाएगा और बाकी 75% युवाओं को पैरामिलिट्री फोर्स तथा सिविल की नौकरियों में वरीयता दी जाएगी। डॉक्टर डीपी वत्स ने कहा कि वे हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन के चेयरमैन रह चुके हैं और उन्होंने बहुत से पदों पर भर्ती प्रक्रिया को संपन्न करवाया है। अपने इस अनुभव के आधार पर वे यह कह सकते हैं कि इन युवाओं को मिलने वाली वेटेज से इन्हें बड़ी संख्या में नौकरियां मिलेंगी। डॉ डीपी वत्स ने कहा कि अग्निपथ योजना से भारतीय सेना का वर्तमान ढांचा इसी प्रकार से रहेगा। सेना की सभी इन्फेंट्री यूनिट /पलटन अभी की तरह कार्य करती रहेगी। इसमें कोई फेरबदल नही होगा। इस भर्ती से सेना की एक हाईटेक युवा ‘प्रोफाइल’ तैयार हो जाएगी। नई योजना के तहत महिलाओं को भी सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा। वीर चक्र सम्मानित ने कैप्टेन भूपेंद्र कहा कि अग्निपथ योजना से भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटा जा सकेगा। योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए उम्र की सीमा 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच रखी गई है। सशस्त्र बलों की ओर से समय-समय पर घोषित की गई संगठनात्मक आवश्यकता और सेना की नीतियों के आधार पर चार साल की सेवा पूरी होने पर अग्निवीर को सशस्त्र बलों में स्थायी नामांकन के लिए आवेदन करने का मौका दिया जाएगा। योजना में नियमित सेवा के लिए हर बैच से 25 फीसदी सैनिकों को बरकरार रखने का प्रावधान किया गया है। सेना में सैनिकों की भर्ती के लिए तय किए गए शारीरिक, चिकित्सकीय और पेशेवर मानकों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर कैप्टन रघुवीर सिंह, निरीक्षक रामकुमार, सूबेदार जी एल चाहर, हवलदार सतवीर सिंह जांगड़ा, कैप्टन फकीरचंद, हवलदार सुभाष, सूबेदार सत्यबीर सिंह छापरवाल, हवलदार सुभाष पारीक, हवलदार सुधन राम सहित बड़ी संख्या में एक्स सर्विसमैन उपस्थित थे।
Posted On : 16 June, 2022