जम्मू कश्मीर, सुशील कुमार: सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त श्री गरधारी लाल भगत और स्थानीय लोगो द्वारा गांव सतावरी चटठा में भारत रत्न डॉ. भीम राव अम्बेडकर की 130 बी जयंती मनाई गई। भगत जी ने समस्त देश वासियों को शुभकामनाएं दी और लोगो को बताया की किस तरह बाबा साहब अम्बेडकर ने भारत को संविधान दिया। हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जी के उनके भारत की स्वतंत्रता में अमूल्य योगदान के कारण अंबेडकर जयंती मनाई जाती है। यह 14 अप्रैल 1891 का दिन था जब दलितों के हक की लड़ाई लड़ने वाला और भारत के संविधान के निर्माता भीमराव अंबेडकर का जन्म हुआ था। उनका जन्म मध्य प्रदेश के महु में हुआ था। 2015 से अबेडकर जयंती को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया है उन्हें 31 मार्च 1990 को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। बाबासाहेब का जीवन सचमुच संघर्ष और सफलता की ऐसी अद्भुत मिसाल है। आइए पढ़ें उनके जीवन के अनमोल विचार एयदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा। जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिये बेमानी है। समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं करते हैं, तब तक कानून द्वारा जो भी स्वतंत्रता प्रदान की जाती है, उसका आपके लिए कोई लाभ नहीं है। एक विचार को भी प्रसार की आवश्यकता होती है जितनी की पौधे को पानी की आवश्यकता होती है। नहीं तो दोनों मुरझा जाएंगे और मर जाएंगे।