हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : गुरू महाराज ने उस समय दुनिया को पर्यावरण की रक्षा के लिए जागरूक किया और आज पूरी दुनिया में पर्यावरण की रक्षा के लिए बुद्धीजीवि वर्ग चिंतित है। माता अमृता देवी का बलिदान और बिश्नोई समाज का पर्यावरण के लिए योगदान को सभी लोग याद करते हैं यह हमारे लिए गर्व का विषय है। हमें अपने गौरवशाली इतिहास पर चलते हुए जीव व पर्यावरण की रक्षा की दिशा में जारी अपने सामाजिक कार्यों में और तेजी लानी है। यह बात अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई ने विश्व पर्यावरण दिवस पर आज गुरू जंभेश्वर भगवान संस्थान दिल्ली मेंं आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने हवन यज्ञ में आहुति डाली तथा पौधारोपण किया। उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण की रक्षा करना सभी देशों के लिए एक चुनौती है। हमें जलवायु परिवर्तन को बारीकी से समझना होगा और यह समझ केवल वैज्ञानिकों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, आम जनमानस तक इस ज्ञान को पहुंचाने की जरूरत है। हमें खाद्यान्न व पानी पृथ्वी से मिलता है। खाद्यान्न व पानी के प्रदूषण को कम करने के साथ ही पानी की मात्रा व गुणवत्ता भी पर भी नजर रखने की जिम्मेदारी लेनी होगी। वर्तमान में स्थिति यह है कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली हानिकारक गैसों का उत्सर्जन किया जा रहा है। मानवीय जरूरतों के लिए विश्व भर में बड़े पैमाने पर वनों का सफाया किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से पर्यावरण के विरूद्ध है। विकास के नाम पर सड़कों, पुलों और शहरों को बसाने के लिए अंधाधुंध वृक्षों की कटाई की जा रही है। नदियों पर बांध बनाकर नदियों के प्रवाह को अवरूद्ध करने के साथ ही अनियोजित खनन को बढ़ााव दिया जा रहा है। वर्तमान विश्व की पर्यावरण की अधिकतर समस्याओं का सीधा सम्बंध आर्थिक विकास से है। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि गुरू जम्भेश्वर भगवान के दिखाए आदर्शों पर चलकर हमेंं आज देश भर में पर्यावरण रक्षा की दिशा में एक नई क्रांति लाकर आम जनमानस को इसके प्रति गंभीर होने के लिए काम करना होगा।
इस दौरान अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेन्द्र बुडिय़ा, गुरू जम्भेश्वर संस्थान दिल्ली के प्रधान कृष्ण लाल बिश्नोई, साहबराम रोज, रणधीर पनिहार, कुलदीप, बलदेव, सहदेव कालीराणा, राजकुमार खिचड़, संजय बिश्नोई आदि उपस्थित थे।
Posted On : 06 June, 2022