हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : चौ.च.सि. हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में कार्बन उत्सर्जन के नियंत्रण की विधियों पर एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने इस संगोष्ठी का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर प्रो. काम्बोज ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करके ही आने वाली पीढिय़ों को सुरिक्षत भविष्य प्रदान किया जा सकता है। उन्होंने विशेषकर युवा पीढ़ी को पर्यावरण का महत्व समझने तथा उसको संरक्षित करने के सार्थक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कार्बन उत्सर्जन तथा इससे होने वाले पर्यावरण प्रदूषण पर विस्तार से प्रकाश डाला और उन्होंने कार्बन उत्सर्जन को रोकने के लिए धरातल पर वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करके समाधान करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि कृषि अवशेषों को पायरोलाइसिस विधि द्वारा बायोचार में परिवर्तित करके कार्बन को संरक्षित किया जा सकता है।
संगोष्ठी में विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक और वरिष्ठ पर्यावरण अधिकारी, ब्रिसबेन, आस्ट्रेलिया डॉ. राजेश जलोटा मुख्य वक्ता थे। उन्होंने कार्बन उत्सर्जन को रोकने की अलग-अलग विधियों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध बायोमास को लैंड रिस्टोरेशन में उपयोग करने की विधियों को विस्तार से बताया। इसके साथ-साथ खाद्य अवशेषों से बायोगैस बनाकर ईंधन के रूप में उपयोग करने की तकनीक भी बताई।
इस मौके पर मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. नीरज कुमार ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता, डॉ. के.डी. शर्मा ने प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संयोजन आईडीपी नोडल आफिसर डॉ. एसएस यादव, डॉ. विनोद गोयल, डॉ. जयन्त सिधु, डॉ. राहुल कुमार और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के संयोजक डॉ. अनुज राणा द्वारा किया गया।
Posted On : 06 June, 2022