सरकार किसान और जवान को आमने समाने करके असली मु्द्दों से ध्यान भटकना चाहती है

हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : सरदानन्द राजली ने बताया कि कल 24 मई को लघु सचिवालय गेट के सामने संयुक्त किसान मोर्चे का केंद्र सरकार के खिलाफ लंबित मांगों को लेकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन था।लघु सचिवालय गेट के सामने प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मियों के दोनों पक्षों में मामूली विवाद हो गया था।इस घटना को लेकर 35 किसानों पर केस दर्ज किया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा हिसार के किसान नेताओं ने कहा की पुलिस इंस्पेक्टर दलबीर सिंह (SHO सिविल लाइन थाना,हिसार) ने जातिसूचक गाली देने,नेम प्लेट तोड़ने,हाथापाई करने,मोबाइल छिनने,जान से मारने की धमकी देने के बारे में 35 किसानों पर केस दर्ज करवाना नींदनीय घटना है। 13 महीने से शांतिपूर्ण और अनुसासन में किसान आंदोलन लड़ा किसान-मजदूरों ने साझी लड़ाई लड़ी इस ऐतिहासिक आंदोलन में एक भी ऐसी घटना नहीं घटी बहुत साफ सुथरे तरीके से आंदोलन लड़ा। सरकार ने बार-बार किसान आंदोलनकारियों को बदनाम करने का प्रयास किया लेकिन असफल रही। कल भी किसान शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहें थे।विरोध-प्रदर्शन हर रोज होते है।  पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी हर रोज आमने-सामने होते है। व्यक्तिगत तौर से किसी भी पुलिसकर्मी या आंदोलनकारी आपसी बैरभावना नहीं रखते है। जातिसूचक गाली देने,नेम प्लेट तोड़ने,हाथापाई करने,मोबाइल छिनने,जान से मारने की धमकी देने के ऐसी कोई घटना नहीं घटी बल्कि पुलिस वाले साथियों की तरफ से ही ऐसी अव्यवस्था हुई है प्रदर्शनकारियों ने मौके पर आए प्रशासन के अधिकारियों को नोट भी करवाया मामले को वहीं रफा-दफा कर दिया गया। लेकिन बाद में पुलिस ने 35 किसानों पर इस मामले में इंस्पेक्टर की शिकायत पर धारा 147/ 149/ 186/ 323/ 332/341/ 353/ 379A/x/ 32va SC / ST ACT के तहत चार नामजद समेत 30 किसानों पर केस दर्ज किया है। इस तरीके से केस दर्ज करवाना शर्मनाक और नींदनीय घटना हैं संयुक्त किसान मोर्चा इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है। इस मुद्दे पर कल सभी किसान-मजदूर संगठन और संयुक्त किसान मोर्चे का प्रतिनिधि मंडल एसपी हिसार से भी मिलेगा। सरकार किसान और जवान को आमने समाने करके असली मु्द्दों से ध्यान भटकना चाहती है।

संयुक्त किसान मोर्चा,हिसार


Posted On : 26 May, 2022