चौचसिं हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में जिनोम एडिटिंग तकनीक पर कार्यशाला 23 मई से

 हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मॉलेकुलर बायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी एवं बायोइन्फर्मेटिक्स विभाग द्वारा 23 मई से 6 जून तक जिनोम एडिटिंग तकनीक के द्वारा फसलों की उपज बढ़ाना एवं पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदुषण के प्रभाव को कम करना विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. सुधीर कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यशाला का आयोजन अमेरिका के मैसुचुसेट विश्वविद्यालय एवं वाशिंगटन स्टेट विश्वविद्यालय के सहयोग से किया जा रहा है जिसमें मैसुचुसेट विश्वविद्यालय के विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. ओम प्रकाश धनखड़ और वाशिंगटन स्टेट विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्रो. कुलविंदर सिंह गिल प्रतिभागियों को जिनोम एडिटिंग तकनीक के  माध्यम से फसलों की पैदावार बढ़ाने एवं रोगमुक्त फसलों के उत्पादन संबंधित तकनीक का व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करेंगे।  उन्होंने बताया यह  अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला स्पार्क परियोजना के अंतर्गत भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है जिसके भारतीय प्रमुख अन्वेषक (प्रिंसीपल इनवेस्टीगेटर) मॉलेकुलर बायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी एवं बायोइन्फर्मेटिक्स विभाग के सहायक प्रोफैसर डॉ. उपेन्द्र कुमार जबकि डॉ. ओम प्रकाश धनखड़ अंतरराष्ट्रीय प्रिंसीपल इनवेस्टीगेटर व डॉ. कुलविंदर सिंह गिल अंतरराष्ट्रीय को-प्रिंसीपल इनवेस्टीगेटर हैं।


Posted On : 21 May, 2022