हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : केंद्रीय टीबी डिवीजन, राज्य टीबी विभाग के तत्त्वावधान तथा यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के सहयोग से संक्रामक बीमारी टीबी के परीक्षण, जांच एवं इसकी रोकथाम हेतू शनिवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक डॉ वीना सिंह एवं उपायुक्त डॉ प्रियंका सोनी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में वन स्टॉप टीबी डीआरटीबी डायग्नोस्टिक सॉल्यूशन मॉडल लॉन्च किया गया ।
इस प्रोजेक्ट में क्षय रोगी की पहचान कर उन्हें उच्चतम और गहन जांच परीक्षण सेवाएं प्रदान की जाएगी। फिलहाल हिसार व आसपास के क्षेत्रों से रोगी चंडीगढ़ एवं दिल्ली टीबी जांच एवं इलाज के लिए जाते हैं लेकिन अब वन स्टॉप टीबी डीआरटीबी डायग्नोस्टिक सॉल्यूशन मॉडल से उन्हें स्थानीय स्तर पर ही ये सेवाएं उपलब्ध हो जाएंगी। इससे टीबी रोगियों का बिना देरी के उपचार हो सकेगा। इसके तहत निजी या सरकारी अस्पताल के सभी रोगियों के लिए टीबी रक्त परीक्षण, डीएसटीबी एवं डीआरटीबी, लिक्विड ड्रग सहित अन्य महंगे टेस्ट एकदम नि:शुल्क उपलब्ध है। ये टेस्ट एनटीपी स्टैंडर्ड मानकों के अनुरूप प्राइवेट लैब थायरोकेयर से करवाए जाएंगे। थायरोकेयर द्वारा रोगी के नमूने लेकर 24 घंटे में जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जो एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर सीनियर टीबी विशेषज्ञ केरल जोसिफ, डॉ संजीव सैनी, आईएमए अध्यक्ष डॉ जेपी नलवा, डॉ रयूबीन स्वामिकेन, हरियाणा राज्य टीबी ऑफिसर डॉ राजेश राजू, संयुक्त निदेशक टीबी डॉ विवेकानंद सीगीरी, संयुक्त निदेशक पब्लिक हैल्थ डॉ निशांत कुमार, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं टीबी हरियाणा डॉ संजीव दहिया, डॉ राजिंद्रा पी जोशी, जिला नोडल अधिकारी डॉ जय प्रकाश, सीएमओ रत्ना भारती, डॉ तरूण, दीपक शर्मा, डॉ अजय महाजन, अग्रोहा मेडिकल कॉलेज से डॉ अल्का छाबड़ा सहित स्वास्थ्य के अनेक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
Posted On : 16 May, 2022