हिसार , राजेंद्र अग्रवाल : हरियाणा सरकार का यह बहुत ही उत्तम व सराहनीय फैसला है , जिसमें अब छात्र- छात्राओं को पाठ्य-पुस्तकों में देश-प्रदेश के गौरवशाली इतिहास को पढ़ाया जाएगा। हमारे विद्यर्थियों को अब हमारी अपनी श्रेष्ठ भारतीय संस्कृति और सभ्यता के बारे में सही सही जानकारी मिल सकेगी। यह बात आज भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश गोयल धूपवाला ने प्रेस को जारी अपने व्यक्तव्य में कही।
सुरेश गोयल धूपवाला ने बयान में कहा कि अब तक शिक्षार्थियों को पाठ्य-पुस्तकों में जो इतिहास पढ़ाया जाता रहा है, वह अधिकतर भ्रमित करने वाला ही रहा है। पाठ्य-पुस्तकों में विदेशी आक्रांताओं को महिमा-मण्डित ही किया जाता रहा है, जबकि उनकी तुलना में महान भारतीय शासकों-सम्राटों को उपेक्षित ही रखा गया है। उन्होंने कहा कि मुगल शासकों व उससे भी पूर्ववर्ती आक्रांताओं के द्वारा भारत की जनता पर किए गए अत्याचारों, जबरन धर्म परिवर्तन, धर्म स्थलों को खंडित करने, भारत की सभ्यता-संस्कृति को तहस-नहस करने के घटनाक्रम दुनिया से छिपे नहीं हैं, परंतु देश को स्वंत्रता मिलने के बाद भी भारत के सही इतिहास को पाठ्यक्रम से दूर ही रखा गया है।
सुरेश गोयल धूपवाला ने कहा कि विदेशी आक्रमणकारियों को कड़ी चुनौती देने वाले अनेकों भारतीय शूरवीर नायक हुए हैं परंतु उन्हें महत्व दिया ही नहीं गया। पाठ्यक्रमों में अपेक्षित स्थान न मिलने के कारण हमारे विद्यार्थी व आम जनमानस हमारे पूर्वजों के इतिहास से अनभिज्ञ रहे।
सुरेश गोयल ने हरियाणा शिक्षा मंत्रालय से अनुरोध करते हुए कहा कि पाठ्यक्रमों में और भी ऐसी भ्रमित करने वाली बाते हैं जिन्हें दुरुस्त किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अब तक पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाता रहा है कि आर्य भारत के मूल निवासी नही थे वे मध्य एशिया से यहां आए और यहां आकर यहां के मूल निवासियों को दक्षिण की ओर खदेड़ दिया। उन्होंने कहा कि राखी गढ़ी की खुदाई से यह बात पूरी तरह प्रामाणिक हो रही है कि भारतीय सभ्यता व संस्कृति बहुत पुरानी है। खुदाई में मिली हड्डियों के डीएनए टेस्ट से भी यह बात प्रमाणित हो चुकी है।
भाजपा नेता ने कहा कि देश के पूर्व प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपनी पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया (भारत एक खोज) में लिखा है कि हमारे वेद गड़रियों के गीत है। पुस्तक में भारत राष्ट्र केबारे में यह भी कहा गया है कि काफिला चलता गया कारवां बसता गया। अब समय आ गया है, जब भारतीय इतिहास, सभ्यता और संस्कृति की सही सही जानकारी देश व प्रदेश वासियो को मिले। इसको लेकर प्रदेश सरकार के फैसले का स्वागत व अभिनंदन किया जाना चाहिए।
Posted On : 07 May, 2022