लुधियाना के 4 साल के बच्चे ने Mother day पर दिखाई कला

लुधियाना, रिपोर्टर दीपक राज: लुधियाना के 4 साल के बच्चे ने Mother day पर दिखाई कला मां' को शब्दों में बांध पाना असंभव है, वह ममता का वो सागर है जिसमें भावनाएं हिलोरे लेती रहती हैं इसलिए तो कहा गया है कि अगर ईश्वर को देखना है तो मां को देख लेना चाहिए। ऐसे व्यक्तित्व पर कोई शायर  अपने कलाम न लिखे, यह नहीं हो सकता। पेश हैं आपके सामने वो शेर जो मां के लिए लिखे गए हैं।

स्याही खत्म हो गयी “माँ” लिखते-लिखते
उसके प्यार की दास्तान इतनी लंबी थी
- अज्ञात

न जाने क्यों आज अपना ही घर मुझे अनजान सा लगता है,
तेरे जाने के बाद ये घर-घर नहीं खाली मकान सा लगता है
- अज्ञात


Posted On : 07 May, 2022