हिसार , राजेंद्र अग्रवाल : हरियाणा सरकार द्वारा पंचायत चुनाव करवाने की अनुमति को लेकर दाखिल अर्जी को मंजूर करते हुए बुधवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश में पंचायत चुनाव का रास्ता साफ कर दिया है। हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए हरियाणा सरकार ने कहा था कि प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी 2021 को समाप्त हो चुका है। पंचयती राज एक्ट के दूसरे संशोधन के कुछ प्रावधान को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। सरकार ने कहा था कि बीते दिनों कोरोना के प्रकोप के बीच सरकार ने पंचायत चुनाव फिलहाल नहीं करवाने का निर्णय लिया था। सरकार ने इसके बाद अर्जी दाखिल करते हुए कहा था कि अब स्थिति बेहतर हो गई है इसलिए चुनाव करवाए जा सकते हैं। सरकार दो फेज में चुनाव करवाना चाहती है, पहले फेज में ग्राम पंचायत और दूसरे फेज में पंचायत समीति और जिला परिषद के चुनाव का प्रस्ताव है।
सरकार ने कहा था कि पहले उनकी ओर से निकट भविष्य में सरकार चुनाव नहीं करवाने की अंडरटेकिंग दी गई थी। ऐसे में अब चुनाव करवाने के लिए न्यायालय की अनुमति आवश्यक है। सरकार की इस अर्जी को मंजूर करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को पंचायत चुनाव करवाने की अनुमति दे दी है। हालांकि आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका फिलहाल लंबित है और हरियाणा में होने वाले पंचायत चुनाव इस याचिका पर आने वाले फैसले पर निर्भर होंगे।
यह है मामला
गुरुग्राम के प्रवीण चौहान व अन्य ने 15 अप्रैल 2021 को हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 2020 में किए गए संशोधन को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी थी। कोर्ट को बताया गया कि अधिनियम में संशोधन कर अब सीटों का 8 प्रतिशत बीसी-ए श्रेणी के लिए आरक्षित करना अनिवार्य है और न्यूनतम 2 सीटों का आरक्षण अनिवार्य है। हरियाणा में 8 प्रतिशत के अनुसार केवल छह जिले हैं जहां 2 सीटें आरक्षण के लिए बचती हैं। 18 जिलों में केवल 1 सीट आरक्षित की जानी है जबकि सरकार नए प्रावधानों के अनुसार न्यूनतम 2 सीटे अनिवार्य हैं।
Posted On : 06 May, 2022