हिसार , राजेंद्र अग्रवाल: कपास की फसल के मुआवजे की मांग को लेकर खेड़ी चौपटा में धरने पर बैठे किसानों का धरना उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मुलाकात के बाद समाप्त हो गया है। राज्य सरकार की तरफ से प्रदेश के श्रम एवं रोजगार मंत्री अनूप धानक धरना स्थल पर जाकर किसानों से मिले और किसानों की मांगों पर सहमति जताई, जिसके बाद किसानों ने अपने धरने को समाप्त करने की घोषणा की। मंत्री अनूप धानक ने कहा कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किसानों के हित में यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल खराब हो चुकी थी और जिन अधिकारियों की वजह से इन किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया उन अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान जेजेपी राष्ट्रीय संगठन सचिव राजेंद्र लितानी, हिसार उपायुक्त डॉ प्रियंका सोनी आदी भी मौजूद रहे।
जेजेपी राष्ट्रीय संगठन सचिव राजेंद्र लितानी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला किसानों की हर समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है और वे निरंतर किसानों की बेहतरी के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस धरने को लेकर किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री से मुलाकात की तो उन्होंने तुरंत अधिकारियों के साथ बैठक की और इसके बारे में जानकारी ली। डिप्टी सीएम ने न केवल इस विषय पर तीन बार अधिकारियों के साथ बैठक की बल्कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी चर्चा की। लितानी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री के प्रयास से किसानों की मांगें पूरी होने के आश्वासन से आज किसानों ने अपना धरना समाप्त किया तथा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि किसानों की सभी जायज मांगों को मान लिया गया है और उनकी हर संभव सहायता सरकार द्वारा की जाएगी। राजेंद्र लितानी ने कहा कि जिन अधिकारियों-कर्मचारियों ने मुआवजे की रिपोर्ट बनाने में लापरवाही बरती है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में किसी किसान के साथ अन्याय न हो। साथ ही, इस धरने से संबंधित पुलिस केस को निपटवाने का भी प्रयास किया जाएगा। 16 मार्च से खेड़ी चौपटा उप तहसील के अंतर्गत आने वाले 17 गांवों के किसान धरने पर बैठे थे। शनिवार को किसानों की एक कमेटी प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से दिल्ली में मिली थी और डिप्टी सीएम ने किसानों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही उनकी मांगे पूरी कर दी जाएगी।