फसल विविधिकरण को मिलेगा बढ़ावा, कीटों का प्रकोप रहेगा कम : राजेन्द्र सपड़ा

हिसार,  राजेंद्र अग्रवाल:  भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष कैप्टन भूपेन्द्र, वीरचक्र ने कहा है कि प्रदेश सरकार किसानों का जीवन स्तर उंचा उठाने व उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए नई—नई योजनाएं शुरू कर रही है। इसी के तहत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने किसानों को देशी कपास की बिजाई के लिए प्रोत्साहित करते हुए तीन हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान देने का निर्णय लिया है।
कैप्टन भूपेन्द्र, वीरचक्र ने कहा कि देश कपास में कीटों की संभावना कम रहती है वहीं इससे फसल विविधता को भी बढ़ावा मिलता है। योजना का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है जो 31 मई तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने फसल विविधीकरण और खेती में किसानों की लागत को कम करने के उद्देश्य से देसी कपास की फसल बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। सरकार की इस नई योजना के अनुसार देसी कपास लगाने वाले किसानों को सत्यापन के बाद तीन हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान मिलेगा। योजना के लिए आगामी 31 मई तक आवेदन किया जा सकता है। कृषि में आ रही नई तकनीकों के साथ देसी तरीके से खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। साथ ही अपनी भूमि की उर्वरा शक्ति को भी मजबूत किया जा सकता है।
कैप्टन भूपेन्द्र, वीरचक्र ने कहा कि कृषि के माध्यम से किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। साथ ही अब कृषि क्षेत्र में आ रही नई नई तकनीकों का भी किसानों को फायदा मिल रहा है। जो काम पहले काफी समय में होता था। अब वही काम तकनीक के माध्यम से कुछ ही समय में किया जा सकता है। तकनीक के साथ देसी तरीका मिल जाए तो किसानों का मुनाफा ओर बढ़ सकता है। इसको लेकर सरकार की ओर से अहम कदम उठाए जा रहे हैं और इसी सोच को लेकर सरकार ने देसी कपास की खेती को लेकर अनुदान योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता प्रचार—प्रसार कर रहे हैं ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलें।
भाजपा जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द सपड़ा ने बताया कि सरकार की ओर से शुरू की गई इस देसी कपास की नई योजना के अनुसार किसानों को तीन हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान मिल सकता है। योजना का लाभ लेने वाले किसान का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना जरूरी है। योजना के तहत किसान को उसके खेत के सत्यापन के बाद अनुदान राशि दी जाएगी। इस योजना से न केवल फसल विविधता को बढ़ावा मिलेगा बल्कि फसल में कीटों से होने वाले नुकसान की भी कम संभावना होगी। साथ ही इससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी मजबूत होगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए कृषि विभाग की वेबसाइट एग्रीहरियाणाडॉटजीओवीडॉटआईएन को प्रयोग किया जा सकता है या फिर विभाग के टोल फ्री नंबर 18001802117 पर संपर्क भी किया जा सकता है।


Posted On : 30 April, 2022