हिसार, राजेंद्र अग्रवाल: मत्स्य किसान विकास एजेंसी द्वारा गत वित वर्ष के दौरान 1340 हेक्टेयर पंचायती तालाबों में 16 हजार 513 टन मत्स्य उत्पादन किया गया।
यह जानकारी देते हुए जिला मत्स्य अधिकारी भीम सिंह ने बताया कि मत्स्य पालन में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। बेरोजगार व्यक्ति विभाग से प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत यह कार्य शुरू कर सकता है। प्रशिक्षणार्थियों को 10 दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान 100 रुपये प्रतिदिन प्रशिक्षण भत्ता भी दिया जाता है। उन्होंने बताया कि किसान खुद की जमीन में तालाब बनाकर या पंचायती तालाब पट्टे पर लेकर मछली पालन का कार्य कर सकता है। अनुसूचित जाति से संबंधित व्यक्तियों को पंचायती तालाब एवं जाल की खरीद के लिए अनुदान का लाभ भी प्रदान किया जाता है।
जिला मत्स्य अधिकारी ने बताया कि किसान अपनी जमीन या 10 वर्ष हेतु पट्टे पर ली गई भूमि में तालाब निर्माण कर मत्स्य पालन करता है, तो उसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत लागत मूल्य का 40 से 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। मीठे पानी में मत्स्य पालन हेतु प्रति हेक्टेयर लागत मूल्य 11 लाख रुपये तथा लवणीय पानी में मछली/झींगा के लिए लागत मूल्य 14 लाख रुपये है। उन्होंने बताया कि जिले में 150 एकड़ निजी भूमि पर मीठे पानी में मत्स्य पालन का व्यवसाय किया जा रहा है। इनमें गांव डाबड़ा, लाडवा, देपल, जमावड़ी, खांडा खेड़ी, पेटवाड़ तथा पु_ïी शामिल है। इसी प्रकार 125 एकड़ भूखंड पर गांव स्याहडवा, मीरकां, मंगाली, बालसमंद, गढ़ी, भाटोल, सिंघवा राघो में खारे पानी में सफेद झींगा पालन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसान अनुदान हेतु सरल पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं, जिसके लिए जमाबंदी की नकल, नक्शा, खर्चे का बिल, पानी की रिपोर्ट, आईडी तथा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र साथ संलग्न करना होगा। मत्स्य पालन के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए सिरसा बाईपास पर ब्लू बर्ड के नजदीक विभाग के कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।
Posted On : 29 April, 2022