हिसार, राजेंद्र अग्रवाल: भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष कैप्टन भूपेन्द्र, वीरचक्र ने कहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से चिकित्सा उपचार के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में 22 गंभीर बीमारियों को मुख्यमंत्री राहत कोष में शामिल किया गया है और अब सभी आवेदनों को जिला स्तर पर उपायुक्त की संस्तुति पर मंजूरी देने का फैसला किया गया है।
भाजपा जिला अध्यक्ष कैप्टन भूपेन्द्र, वीरचक्र ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूर्व प्रक्रिया की विषमताओं को देखते हुए इस प्रक्रिया को आम जनता के लिए सरल बनाने के साथ ही समयबद्ध करने निर्देश दिए हैं ताकि जरूरतमंद को आर्थिक सहायता समय पर मिल सकें। अब आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थी आवेदक सरल पोर्टल https://saralharyana.gov.in/ के माध्यम से इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। यदि कोई आवेदक दूसरे राज्य में इलाज करवा रहा है और वह चाहता है कि उपचार की राशि सीधे अस्पताल को मिले तो वह संबंधित अस्पताल की बैंकिंग डिटेल्स भी सांझा कर सकता है।
कैप्टन भूपेन्द्र ने नई नीति का विस्तार से ब्यौरा देते हुए बताया कि आर्थिक सहायता के लिए आवेदक को इलाज से पूर्व अथवा इलाज के उपरांत जैसे दोनों विकल्प दिए गए हैं। इलाज से पूर्व आवेदक को इलाज का एस्टीमेट देना होगा वहीं उपचार के बाद सहायता लेने वाले आवेदकों को इलाज से जुड़े सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। जैसे ही आवेदक आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर अपना आवेदन डालेगा, वैसे ही आवेदन को संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, अध्यक्ष जिला परिषद, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर/एमसी के अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा और ये जनप्रतिनिधि पांच दिन के भीतर अपनी सिफारिशों के साथ उपायुक्त कार्यालय को भेजेंगे। इसके उपरांत आवेदन को उपायुक्त कार्यालय द्वारा संबंधित तहसीलदार को आवेदक की चल-अचल संपत्ति की वेरिफिकेशन तथा सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिए भेजा जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में संपत्ति की वेरिफिकेशन के लिए चार दिन व सिविल सर्जन कार्यालय से जुड़े सत्यापन कार्य के लिए दस दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त दोनों विभागों से मिली रिपोट्र्स को उपायुक्त की संस्तुति के साथ कमेटी के सदस्य सचिव को भेजा जाएगा, जिसे वे सीनियर एकाउंट अधिकारी को भेजेंगे। इसके बाद स्वीकृत की गई राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेज दी जाएगी।
कैप्टन भूपेन्द्र ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता के रूप में इलाज खर्च का 25 प्रतिशत पैसा ही मिलेगा, जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रुपए निर्धारित की गई है। इसके अलावा आवेदक वित्त वर्ष में केवल एक बार ही इस सुविधा का लाभ ले सकता है। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय समिति की बैठक में इलाज के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान करने के मामलों की समीक्षा कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार जनता के लिए नित नई—नई योजनाएं चला रही है वहीं प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ता इन योजनाओं का प्रचार—प्रसार करके जरूरतमंदों व आम जनता तक इनका लाभ पहुंचा रहे हैं।
Posted On : 26 April, 2022