हिसार बाल भवन में मात्र 72 दिन में पांच साल के बच्चों के लिए आठ क्विंटल से अधिक राशन खरीदना बड़ा भ्रष्टाचार : सतीश मेहरा

हिसार,  राजेंद्र अग्रवाल: बाल भवन में फैले भ्रष्टाचार व अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के आजीवन सदस्य सतीश मेहरा व अन्य ने बाल भवन के आगे धरना दिया। धरने के माध्यम से बाल भवन में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने व अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई।
धरने पर बैठे सतीश मेहरा ने बताया कि जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा सॉ सेंटर चलाया जा रहा है जिसमें परित्याग किए गए बच्चे गोद लिए जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस संस्था में आ रही दान राशि का दुरूपयोग करने के लिए अधिकारियों ने अपने खास कर्मचारी का बाल भवन जींद से यहां तबादला करवाया। यह तबादला अधिकारियों ने अपने झूठे पत्र के माध्यम से करवाया है जिसमें प्रोजेक्ट मैनेजर का पद खाली दिखाया गया जबकि स्थानांतरण आदेश में स्पष्ट हो जाता है कि दो कर्मचारियों का आपस में तबादला किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पद खाली नहीं था और इसमें केवल स्थानीय स्तर के ही अधिकारी शामिल नहीं थे बल्कि मुख्यालय स्तर के अधिकारी भी शामिल थे जिन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर का पद खाली न होते हुए भी झूठे पत्र के आधार पर दो कर्मचारियों के आपस में तबादले कर दिये।
धरने पर बैठे सतीश मेहरा ने आरोप लगाया कि जींद से आए नये कर्मचारी के साथ मिलकर अधिकारियों ने जो भ्रष्टाचार सॉ सेंटर में किया, उसका नमूना स्टॉक रजिस्टर की डिटेल देखने से सामने आ जाता है। इस रजिस्टर के तहत 22 मई 2021 से 2 अगस्त 2021 तक मात्र 72 दिनों में ही 864.8 किलोग्राम राशन खरीदा गया। इस दौरान जो राशन दान में आया, वो अलग है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार यहां तक हावी है कि दान में दिए गए सामान व राशि की अधिकतर रसीद तक नहीं काटी जाती। खास बात यह है कि जिस समय यह आठ क्विंटल से अधिक राशन खरीदा गया, उस समय सॉ सेंटर में केवल पांच बच्चे ही रह रहे थे, जिनमें तीन बच्चे एक साल से छोटे व दो बच्चे पांच साल से छोटे थे। ऐसे में इन बच्चों के लिए आठ क्विंटल राशन की खरीद करना निश्चय ही गंभीर मामला है।
सतीश मेहरा ने बताया कि उन्होंने बाल भवन में भ्रष्टाचार व अनियमितताओं की शिकायत सरकारी को भेजी। शिकायत की जांच तीन सदस्यीय विभागीय कमेटी से करवाई गई, जिसमें बाल भवन के अधिकारियों को दोषी पाया गया और उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई। अब एडीसी कार्यालय में विजीलेंस जांच इन अधिकारियों के खिलाफ चल रही है। उन्होंने कहा कि अनचाहे मैनेजर के वापिस आ जाने के कारण वह  सॉ सेंटर को चलाने में कठिनाई पैदा कर रहा है और यहां रह रहे बच्चे जो पांच साल से छोटी उम्र के है, वे कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने धरने के माध्यम से महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मानद सचिव एवं बाल कल्याण परिषद की अध्यक्ष एवं उपायुक्त से बाल भवन में फैले भ्रष्टाचार पर शीघ्र रोक लगाकर अनियमितताओं की जांच करने व अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।


Posted On : 19 April, 2022