हिसार, राजेंद्र अग्रवाल: ऑल इण्डिया सोनिया गांधी एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ0 ऋषि बिश्नोई ने कहा कि भारत सरकार और हरियाणा सरकार दोनों सरकारें जनता से बार-बार प्रार्थना कर रही हैं कि अपने निवासों, फैक्ट्रियों व ट्यूबवैलों पर सोलर सिस्टम लगाए और सोलर लगाने के लिए दोनों सरकारें सबसिडी दे रही है परन्तु जब व्यक्ति अपने निवास/कार्यक्षेत्र पर सोलर सिस्टम लगा लेता है तो बिजली की खप्त कम हो जाती है तब विभाग उस पर बिजली लोड के अनुसार एम.एम.सी. लगा देता है। बिजली विभाग बार-बार घोषणा करता है कि अपना लोड पूरा लिखवाएं परन्तु प्रत्येक घर में लोड दो प्रकार का होता है - एक वर्किंग लोड व एक टोटल लोड। जब बिजली बिल बनता है तो उसमें टोटल लोड काउंट किया जाता है। इस प्रकार जनता पर एम.एम.सी. लगाई जाती है। यही नहीं बिजली विभाग 24 घंटे का लोड देखती है जबकि 24 घंटे तो बिजली शहरों को भी नहीं मिलती। वहीं हरियाणा की बात की जाए तो प्रत्येक गांव में गर्मियों के दिनों में 12-12 घंटे तक बिजली नहीं मिल पाती लगातार कट चलते हैं। ऐसे समय में भी बिजली विभाग एम.एम.सी. लगाने से चूकता नहीं। डॉ0 ऋषि बिश्नोई ने कहा कि आजकल प्रत्येक घर में एल.ई.डी. ब्लब का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें बिजली का खर्च बहुत कम होता है। गांव में सर्दियों के मौसम में एल.ई.डी. ब्लब व ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है और ना ही कोई पंखा या कूलर चलाया जाता है, फिर भी बिजली विभाग एम.एम.सी. लगाकर अपने अनुसार बिजली बिल लोगों पर थोप देते हैं। इस सम्बन्ध में जब अधिकारियों से बात की जाती है तो उनके कथन अनुसार एम.एम.सी. लगाना उनके लिए जरूरी है। इसका मतलब यह है कि जनता को ना सोलर लगाना चाहिए और ना ही एल.ई.डी. बल्ब का प्रयोग करना चाहिए ताकि लोड अनुसार बिजली की खप्त की जा सके और बिल आता रहे। इस एम.एम.सी. को हटाकर बिल ठीक करवाने के लिए जनता के पास एक ही रास्ता है कि वह विरोध प्रदर्शन करे या कोर्ट में जाए। डॉ0 ऋषि बिश्नोई ने कहा कि सरकार और अधिकारी ग्रामीण जनता को बेवकूफ समझते हैं जबकि उनको मालूम होना चाहिए कि 80 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और उनके वोटों से सरकारें बनती और बिगड़ती हैं।
Posted On : 18 April, 2022