लुधियाना, दीपक राज : लुधियाना के ईसा नगरी पुली के पास चर्च ऑफ़ गॉड मैं मनाया गया गुड़फ्रायडे एक ऐसा दिन जब ईसा मसीह ने अपने भक्तों के लिए बलिदान देकर निःस्वार्थ प्रेम की पराकाष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत किया। ईसा मसीह ने विरोध और यातनाएँ सहते हुए अपने प्राण त्याग दिए उन्हीं की आराधना और वचनों के माध्यम से इंसानियत की राह पर चलने का ज्ञान देने वाला दिन है गुड फ्राइडे।
ईश्वर के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने का हरेक का अंदाज अलहदा होता है। गुड फ्रायडे तक कोई ईसाई अनुयायी 40 दिन के उपवास रख रहा है तो कोई केवल शुक्रवार को व्रत रखकर प्रार्थना कर रहा है। प्रभु यीशु के वचनों को अमल करने का दिन है गुड फ्रायडे।
इस संबंध में बिशप चाको कहते हैं कि यह बड़ी विडंबना है कि आज भी बहुत से लोग गुड फ्रायडे व इसके महत्व से अनभिज्ञ हैं। इसकी एक वजह यह हो सकती है कि इसे कहा तो गुड फ्रायडे जाता है लेकिन यह सबसे दुखदयी दिन रहा जब प्रभु यीशु को क्रॉस पर चढ़ाया गया था और उन्होंने प्राण त्यागे थे।
इस दिन का महत्व प्रभु यीशु को दी गई यातनाओं को याद करने और उनके वचनों पर अमल करने का है। जहाँ तक प्रवचन देने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर फादर आदि को बुलाया जाता है तो इसकी वजह यही है कि लोग धर्म-आध्यात्म के प्रति रुचि लें। इस मौके पर पास्टर शमूएल और चर्च के मेंबर अर्जुन, बिट्टू, संजीव, सोनू और मक्खन, थॉमससिधु मौजूद थे।
Posted On : 16 April, 2022