किसानों को समय पर गुणवत्ता पूर्वक बीज उपलब्ध करवाना प्राथमिकता: प्रो. बी.आर. काम्बोज

हिसार,  राजेंद्र अग्रवाल: एचएयू में 84 लाख के सीड प्रौसेसिंग प्लांट का उद्घाटन
      चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के फार्म निदेशालय में 84 लाख रूपए की लागत से सीड प्रोसैसिंग प्लांट व कंट्रोल रूम बनाया गया है। कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने इस नए प्लांट का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने बताया कि किसानों को समय पर गुणवत्ता पूर्वक बीज उपलब्ध करवाना हमारी प्राथमिकता है। बीज के बिना बीजाई में देरी होने से फसल पैदावार प्रभावित होती है जिससे किसानों को हानि उठानी पड़ती है। उन्होंने कहा नए सीड प्रौसेसिंग प्लांट से अब कम समय में जयादा बीज तैयार किया जा सकेगा और किसानों को समय पर इसकी आपूर्ति हो सकेगी।
अनुसंधान निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा ने बताया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय किसानों को रबी व खरीफ की विभिन्न फसलों के उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करवा रहा है। केवल फार्म निदेशालय में ही हर साल करीब 10 हजार किवंटल बीज तैयार किया जाता है। बता दें विश्वविद्यालय के फार्म निदेशालय में पहले से सीड प्रोसैसिंग प्लांट लगा हुआ है जिसकी क्षमता केवल 20 किंवटल प्रति घण्टा थी। यह प्लांट 1979 में लगाया गया था। यह मैकेनिकल प्लांट होने के कारण इसमें लेबर ज्यादा लगती थी।
नया सीड प्रोसैसिंग प्लांट अत्यंत आधुनिक व स्वचालित है जिसकी क्षमता 40 क्विंटल प्रति घण्टा है। यह प्लांट डस्ट ऐस्पीरेशन सिस्टम से युक्त होने के कारण सीड प्रोसेसिंग के दौरान सीड प्रोसैसिंग हॉल में धूल-मिट्टी नहीं होती। जिसके कारण प्लांट पर कार्य करने वाले व्यक्तियों को कार्य करना सुविधाजनक रहता है और वे श्वास संबंधी घातक बीमारियों से बचे रहते हैं।
फार्म निदेशक डॉ. एस.के. धनखड़ ने बताया कि इस सीड प्रोसेसिंग प्लांट में मुख्त: गेंहू, जौ, सरसों, चना, मूंग, ग्वार, बाजरा इत्यादि फसलों का बीज तैयार होगा। इस नए प्लांट की मदद से विश्वविद्यालय कम समय में अधिक बीज किसानों को मुहैया करवा पाएगा। यह प्लांट हरियाणा स्टेट सीड स्र्टीफिकेशन एजेंसी (एच.एस.एस.सी.ए) से प्रमाणित है। इसमें मुख्य रूप से चार बड़ी मशीने प्री-कलीनर, सीड ग्रेडर, इन्डेन्ट सीलेन्डर तथा ग्रेविटी स्परेटर हंै।
उन्होंने बताया सीड प्रोसैसिंग प्लांट के साथ फार्म निदेशालय में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जिसमें सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिससे फार्म निदेशालय परिसर व बीज फार्म में किए जाने वाले कार्यों की निगरानी की जा सकेगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी डीन, डायरेक्टर, अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।