सरकार गेहूं उठान में देरी होने पर घटती के पैसे आढ़तियों से ना वसूल करके सरकारी खरीद एजेंसी के अधिकारी व ठेकेदारों से वसूले - बजरंग गर्ग

  हिसार,  राजेंद्र अग्रवाल: हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड़ के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने अनाज मंडियों के दौरा करने के उपरांत कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा गेहूं खरीद के लिए मंडियों में पुख्ता प्रबंध करने के सभी दावे पूरी तरह फेल है। गेहूं खरीद के लिए सरकार द्वारा मंडियों के अलावा गांव स्तर पर जो खरीद सेंटर बनाए हैं। मंडी व सेंटर में ना तो सफाई व्यवस्था, पीने का पानी, किसान भवन में किसानों के लिए ठहरने, चाय पानी व खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। मंडियों में बेसहारा पशुओं की भरमार है। बजरंग गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गेहूं उठान 24 घंटे में करने व 72 घंटे में गेहूं खरीद का भुगतान करने के दावों को भी झूठ का पुलिंदा बताया है जब की मंडियों से गेहूं खरीद का उठान कई-कई दिनों तक पैसे खाने के चक्कर में ठेकेदार नहीं करते है। सरकार के चहेते ठेकेदार गेहूं उठान के नाम पर आढ़तियों से 3 रुपए से लेकर 7 रुपए कट्टे तक अवैध वसूली करके करोड़ों रुपए एक सीजन में नाजायज तरीके से कमा रहे हैं। सरकार को ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जो ठेकेदार गेहूं उठाने में देरी करें उसका ठेका तुरंत प्रभाव से रद्द  किया जाए। श्री गर्ग ने कहा कि सरकार हर साल गेहूं व धान की खरीद के सीजन में गेहूं व धान उठान व भुगतान के लंबे चौड़े दावे करती है। मगर हर बार धान व गेहूं का उठान काफी लेट होने के साथ-साथ भुगतान काफी लेट किया जाता है। सरकार को अपनी घोषणा के अनुसार गेहूं का उठान 24 घंटे व फसल का भुगतान 72 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए। गेहूं उठान लेट होने पर गेहूं में जो भी घटती आए, उस घटती के पैसे आढ़तियों से वसूलने की बजाए। गेहूं खरीद एजेंसी के अधिकारी व ठेकेदारों से वसूले जाए क्योंकि गेहूं खरीद होने के बाद गेहूं सरकारी एजेंसी की हो जाती है। ऐसे में घटती के नाम पर आढ़तियों के पैसे काटना सरासर गलत है। श्री गर्ग ने कहा कि जबकि सरकार ने 1 अप्रैल 2021 के गेहूं खरीद का आढ़तियों का कमीशन‌ व पलेदारों की मजदूरी‌ 10 महीने के बाद दी है जो सरासर गलत है। सरकार को गेहूं खरीद के भुगतान के साथ-साथ आढ़तियों का कमीशन व पलेदारों की मजदूरी का भुगतान करना चाहिए।