तानाशाही व मनमर्जी छोडक़र अपनी नीतियों में परिवर्तन करे केन्द्र व प्रदेश सरकार : दलबीर किरमारा

 हिसार,  राजेंद्र अग्रवाल:  हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांझा मोर्चा के वरिष्ठ नेता दलबीर किरमारा ने केन्द्र व प्रदेश सरकार को सलाह दी है कि वे कर्मचारियों एवं आम जनता के रोष को देखते हुए अपनी नीतियों में परिवर्तन करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दिन कर्मचारी वर्ग की एकता को देखकर गुस्साई हरियाणा सरकार अब कर्मचारियों को गिरफ्तार करके अधिकारियों को चार्जशीट कर रही है लेकिन सरकार को इसके मूल कारण को समझना चाहिए।
दलबीर किरमारा ने कहा कि 28 व 29 मार्च को केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल ऐतिहासिक रही। रोडवेज कर्मचारियों ने इस हड़ताल में ऐतिहासिक भागीदारी करते हुए दोनों दिन बसों का चक्का जाम रखा। रोडवेज कर्मचारियों की एकता व आंदोलन से गुस्साई सरकार अपनी नीतियों में परिवर्तन करने की बजाय कर्मचारियों को गिरफ्तार करके व अधिकारियों को चार्जशीट करके अपनी झेंप मिटा रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी रोडवेज की 18 दिन तक ऐतिहासिक हड़ताल रही थी। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उस हड़ताल के दौरान कितने अधिकारियों को चार्जशीट करके उन पर कार्रवाई की गई, क्योंकि उस दौरान तो कई डिपुओं में टिकट घोटाले भी सामने आए थे। उन्होंने कहा कि 28 व 29 मार्च की हड़ताल में भी सरकार के इशारे पर अधिकारियों ने प्राइवेट लोगों को रोडवेज की टिकटें, थैले व बसों के स्टेयरिंग थमका बसें चलवाने का प्रयास किया लेकिन असफलता हाथ लगी। सरकार को यह भी जांच करवानी चाहिए कि किन लोगों को टिकटें, थैले व स्टेयरिंग थमाए गए और नतीजा क्या हुआ।
दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह हड़ताल को कुचलने व तानाशाही चलाने की बजाय कर्मचारी व आम जनता की मूल भावना को समझें और उनकी मांगों व समस्याओं का निदान करें। उन्होंने कहा कि हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने 16 से 18 घंटे गर्मी, सर्दी व धुंध में ड्यूटी करके इस विभाग को बुलंदियों पर पहुंचाया है। इस विभाग को कर्मचारी अपनी रोजी-रोटी समझते हैं लेकिन सरकार अपनी गलत नीतियों से इसका अघोषित निजीकरण करने में लगी है। पहले निजी परमिट व अब किलोमीटर स्कीम के रूप में विभाग पर खून चूसने वाली जोंक लगा दी गई है वहीं अनेक डिपुओं में अधिकारियों का भ्रष्टाचार भी विभाग की बर्बादी में अपनी मुख्य भूमिका निभा रहा है। उन्होंने केन्द्र व प्रदेश सरकार से मांग की कि वह कर्मचारी वर्ग की पुरानी पैंशन स्कीम बहाल करे, किलोमीटर स्कीम को बंद करें, विभाग में 10 हजार नई बसें शामिल करके बेरोजगारों को स्थाई रोजगार दें और कर्मचारियों सहित आम जनता के हर हिस्से की मांगों व समस्याओं पर गौर करें।