जमशेदपुर, शशिभूषण : जन औषधि केंद्र खोलने को लेकर झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गंभीरता दिखाई है।वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वर्ष2015 में पूरे देश भर में जन औषधि केंद्र खोलने को लेकर बहुत जागरूक दिख रहे थे मगर उनकी ये योजना धरातल पर शून्य नजर आई।जन औषधि केंद्र खोलने का एक ही मक़सद है कि आम जनता तक सस्ते दामों पर सही दवाइयां उपलब्ध कराई जाए।अगर राज्य के सभी अस्पतालों एवम निजी क्लिनिक में प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों को जेनेरिक दवाइयों को लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाय तो आम जनता इससे काफी लाभान्वित होगी।जन औषधि केंद्र पर मिलने वाली दवा की कीमत बाज़ार में बिकने वाली ब्रांडेड दवाइयों से लगभग 60 से 70 प्रतिशत तक कम दाम में मिलेगी जो आम जनता के लिए बहुत राहत की बात है।जन औषधि केंद्र खोलने की प्रक्रिया को सभी जिलों में औषधि विभाग द्वारा सरल और आसान बनाया जाना चाहिए।फार्मासिस्ट की अनिवार्यता को प्राथमिकता दी जाए और फार्मासिस्टों के देख रेख में दवाइयों का सही वितरण किया जाय।दरअसल इस कोरोना काल में कई लोग ऐसे थे जो महंगी दवाइयों को नहीं खरीद पाने की वजह से पूर्ण ईलाज नहीं ले सके और आने वाले समय कई बीमारियों से जूझ रहे हैं।ब्रांडेड दवाइयों के इस बड़े बाज़ार में जन औषधि केंद्र पर सही गुणवत्ता वाली दवाएं कम दामों में उपलब्ध कराना और आम जनता को जागरूक करवाना सरकार की जिम्मेदारी बनती है।इस बढ़ती महंगाई में ईलाज के खर्च को कम करने के लिए और आम जनता को कम कीमत पर सही दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा जन औषधि केंद्र खोलने का कदम काफी सराहनीय है।