हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : हरियाणा सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में एक बोर्ड बनाया जाएगा। इसके अलावा प्राकृतिक खेती से यदि किसान को पैदावार का नुकसान होता है उसकी भरपाई तीन साल तक सरकार की ओर से की जाएगी। प्राकृतिक खेती से किसान की लागत कम होगी और फसल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। यह बात हरियाणा के कृषि मंत्री श्री जे.पी. दलाल ने कही। वे आज हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के किसान मेला के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा आज हमारे खाद्यान्न भंडार भरे हुए है। अब कृषि की पैदावार बढ़ाने की जगह कृषि उपज की गुणवत्ता बढ़ाने की जरूरत है। क्योंकि अधिक पैदावार लेने के लिए कृषि रसायनों का बहुत अधिक प्रयोग हो रहा है जिससे पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ अनाज भी प्रदूषित हो रहा है जिसका असर मानव जाति के स्वास्थ्य पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा हरियाणा सरकार ने किसानों के फायदे के लिए कोई भी कृषि संबंधी स्कीम लागू करने में न तो पहले कभी कमी आने दी है और न ही आगे आने दी जाएगी।
कृषि मंत्री ने किसानों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा किसानों को उपज का बेहतर भाव दिलाने के लिए गन्नौर में 8 हजार करोड़ रूपए की लागत से विश्वस्तर का कृषि उपज बिक्री केन्द्र बनाने जा रहा है। उन्होंने कहा किसानों को फसल मुआवजा दिलवाने में सरकार बीजाई से लेकर मुआवजा दिलवाने तक पूरी तरह पैरवी करेगी। उन्होंने कहा पिछले पांच साल में फसल मुआवजे का 5200 करोड़ रूपया किसानों के खाते में डाला गया है तथा हरियाणा से आज तक एक भी फसल बीमा कंपनी लाभ नहीं ले पाई है।
उन्होंने कहा कृषि व कृषि से जुडे व्यवसायों में बढिय़ा कार्य करने वाले किसानों के लिए प्रदेश में प्रगतिशील किसान प्राधिकरण भी बनाया जाएगा जिससे प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ उनके द्वारा अन्य किसानों का मार्गदर्शन किया जाएगा। हमने किसान की फसल का सीधा लाभ किसान के खाते में डालने का काम किया है।
हमारा प्रयास है कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे: प्रो. बी.आर. काम्बोज
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय खाद्यान्न सुरक्षा के लिए अनुसंधानों के साथ पोषण सुरक्षा के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय प्राकृतिक खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए अग्रसर है। इसके लिए सघन अनुसंधान कार्य किया जा रहा है। सरकार की सहायता, वैज्ञानिक की शोध और किसान की मेहनत ही सफलता का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा हमारा प्रयास है कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे। उन्होंने विश्वविद्यालय की अनुसंधान उपलब्धियों का उल्लेख किया और बताया कि विश्वविद्यालय हरियाणा के सभी गांवों से जुड़ा हुआ है और एक क्लिक से ही फसल व मौसम संबंधित जानकारी तुरंत हरियाणा के हर कोने में पहुंच जाती है। उन्होंने कहा इससे उन्हें खेती की नवीनतम प्रौद्योगिकियों का ज्ञान प्राप्त होगा और कृषि संबंधी अपनी समस्याओं का कृषि वैज्ञानिकों से हल प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम में लुवास, हिसार के कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा भी उपस्थित थे। इस मौके पर कृषि मंत्री ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लिखी गई पुस्तक का विमोचन भी किया।
कृषि मेला के संयोजक विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने बताया कि मेले में किसानों ने करीब 22.5 लाख रूपए के खरीफ फसलों व सब्जियों की उन्नत व सिफारिशशुदा किस्मों के प्रमाणित बीज और फलदार पौधों की नर्सरी खरीदी। किसानों ने 50 हजार रूपए का कृषि साहित्य भी खरीदा। उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से मिट्टी व पानी जांच के लिए की गई व्यवस्था का लाभ उठाते हुए क्रमश: 2250 व 1620 नमूनों की जांच करवाई ।
किसानों के लिए प्रदर्शनी रही विशेष आकर्षण
कृषि मेले में लगाई गई कृषि-औद्योगिक प्रदर्शनी किसानों के आकर्षण का विशेष केन्द्र रही। इस प्रदर्शनी में कुल 230 स्टॉल लगाए गए थे। इन स्टॉलों पर विश्वविद्यालय तथा गैरसरकारी एजेसियों व मल्टीनैशनल कंपनियों द्वारा कृषि प्रौद्योगिकियां, मशीनें, यन्त्र आदि प्रदर्शित किए गए थे।
आकर्षण स्टालों को दिए पुरस्कार
सह निदेशक विस्तार डॉ. कृष्ण यादव ने बताया कि स्टॉलों में से सीड गु्रप में ग्रीन लाइन एग्रीसीड्स, गुडविल हाइब्रिड सीड्स व समैग सीड्स ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार, इन्सेक्टिसाइडस व पेस्टीसाइडस ग्रुप में क्रिस्टल क्रॅाप प्रोटेक्शन, एम.डी. बायोकोल व फोनिक्स लाइफ साइंस और मशीनरी व ट्रेक्टर गु्रप में नेपच्यून फेयरडील, एल एण्ड बी रतिया व न्यू विश्वकर्मा एग्री वर्कस ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्राप्त किए। इसी प्रकार सरकारी संस्थानों में से हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के एक्सपिरीएंस लर्निंग प्रोग्राम, सब्जी विभाग व एग्री टूरिजम तथा होम साइंस कालेज को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। उर्वरक ग्रुप में यारा फर्टिलाइजर इण्डिया, एनीमोस फार्मा व टाइटेनिक फार्मेच्सूटिकल को क्रमश: प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार मिला। इसी प्रकार मिले-जुले गु्रप में लुवास, इफको (हरियाणा), यस बैंक व एम.एच.यू को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। स्वंय सहायता समूह/प्रगतिशील किसान समूह में वेदान्ता मशरूम फार्म, काम्बोज हनीबी फार्म व हरियाणा गऊ सेवा समिति क्रमश: पहले, दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे।